कोटा (Kota) दी कोचिंग हब! यहां की पुलिस को इनपुट मिला कि एक छात्र अपनी जान देने वाला है. और पुलिस ने रेस्क्यू कर उसकी जान बचा ली. रेस्क्यू के बाद छात्र को काउंसलिंग के लिए भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि छात्र दस दिन पहले ही कोटा आया था. लेकिन इस बारे में पता कैसे चला? क्या हुआ था? कोटा पुलिस ने छात्र को कैसे बचाया?
यूपी पुलिस से इनपुट, अलग-अलग टीमें, कोटा पुलिस ने जान देने जा रहे छात्र को ऐसे बचाया!
पुलिस ने नाम के आधार पर उसकी कोचिंग और कोटा में रहने की जगह के बारे में पता लगाया. रिपोर्ट में बताया गया जब छात्र की लोकेशन पता लगाने के लिए टेक्निकल सहायता ली गई तो उसकी अलग-अलग लोकेशन आ रहीं थी. कोटा पुलिस ने 3 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और छात्र को बचा लिया.


आजतक से जुड़े चेतन गुर्जर की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 फरवरी की दोपहर कोटा पुलिस को उत्तर प्रदेश पुलिस का एक मैसेज मिला. इसमें बताया गया था कि नासिक का रहने वाला एक छात्र अपनी जान देने वाला है. उसे बचा लीजिए. वो कुछ दिन पहले ही कोटा आया है. मैसेज में छात्र का पता भी बताया गया था. जानकारी मिलते ही कोटा पुलिस तुरंत हरकत में आ गई. SP शरद चौधरी ने 4 SSP और DSP को अलग-अलग टीमों में बांटा और गोपनीय तरीके से रेस्क्यू करने के निर्देश दिए. बताया जा रहा है कोटा आने के बाद से छात्र कोचिंग नहीं जा रहा था.
छात्र को कैसे ढूंढा?पुलिस ने नाम के आधार पर उसकी कोचिंग और कोटा में रहने की जगह के बारे में पता लगाया. रिपोर्ट में बताया गया जब छात्र की लोकेशन पता लगाने के लिए टेक्निकल सहायता ली गई तो उसकी अलग-अलग लोकेशन आ रही थीं. कोटा पुलिस ने 3 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और सभी लोकेशन पर टीम के लोगों को भेज दिया गया. इस दौरान एक बिल्डिंग में भी उसके होने का अंदेशा था, जिसके बाद पुलिस ने बिल्डिंग में छानबीन की तो छात्र मिला गया.
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पुलिस ने क्या बताया?मामले पर कोटा सिटी SP शरद चौधरी ने बताया कि काफी कोशिश के बाद छात्र को बचा लिया गया. उन्होंने बताया कि यूपी में सुसाइड केस की जांच के दौरान वाराणसी पुलिस को इसका इनपुट मिला था. मृतक बच्चे के सुसाइड नोट में बताया गया था कि कोटा का भी एक छात्र अपनी जान देने की कोशिश कर सकता है, इसके बाद कोटा पुलिस की टीम को सर्च ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए गए और छात्र को बचा लिया गया. रेस्क्यू के बाद छात्र को पूरी रात निगरानी में रखा गया था. अगले दिन उसे काउंसलिंग के लिए भेज दिया गया था. फिलहाल छात्र को उसके घरवालों को सौंप दिया गया है.
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