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कोलकाता रेप-मर्डर केस: RG Kar मेडिकल कॉलेज में तोड़फोड़ के बाद हॉस्टल में पसरा सन्नाटा, स्टूडेंट्स ने क्या बताया?

Kolkata Rape and Murder Case: 14 अगस्त की रात RG Kar Medical College में भीड़ घुस गई थी. इस दौरान अस्पताल में तोड़फोड़ भी की गई. घटना के बाद से मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स में दहशत है.

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RG Kar कॉलेज और हॉस्पिटल के कैंपस को छोड़ रहे डॉक्टर्स (फोटो: PTI)

कोलकाता रेप एंड मर्डर (Kolkata Rape and Murder) मामले के बाद से RG Kar मेडिकल कॉलेज लगातार चर्चा में बना हुआ है. इस हॉस्पिटल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. 14 अगस्त की रात RG Kar Medical College में भीड़ घुस गई थी. इस दौरान अस्पताल में तोड़फोड़ (Attack on RG kar Hospital) भी की गई. घटना के बाद से मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स में दहशत है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना के बाद से कई स्टूडेंट हॉस्टल छोड़कर चले गए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े रविक भट्टाचार्य और अत्री मित्रा की रिपोर्ट में जूनियर डॉक्टर्स के हवाले से बताया गया कि कॉलेज के लगभग सभी हॉस्टल खाली पड़े हैं. कॉलेज की एक MBBS फोर्थ ईयर स्टूडेंट ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

“हमारे हॉस्टल में अब केवल 17 महिलाएं हैं. 9 अगस्त (घटना वाले दिन) से पहले यहां अलग-अलग कोर्स की 160 जूनियर महिला डॉक्टर रहती थीं. लेकिन इस घटना के बाद कई स्टूडेंट्स हॉस्टल छोड़कर चले गए थे. हालांकि कई स्टूडेंट्स कुछ दिन बाद हॉस्टल में वापस भी आए. लेकिन 14 अगस्त को जब अस्पताल पर हमला हुआ, उसके बाद ज्यादातर छात्र, खास तौर पर लड़कियां कैंपस छोड़कर चली गईं.”

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एक और स्टूडेंट ने बताया,

“हॉस्पिटल पर अटैक के बाद इतने डरे हुए थे कि हम इसके बारे में बता भी नहीं सकते. भीड़ की तरफ से हमले के बाद, प्रोटेस्ट में शामिल कई महिला नर्स और डॉक्टर्स हमारे हॉस्टल के तरफ भागे. वो रात भर हमारे साथ रुके रहे. हममें से कोई भी उस रात सो तक नहीं सका.”

वहीं हॉस्पिटल की नर्स और नर्सिंग स्टूडेंट्स ने बताया कि उनके पास हॉस्टल में रहने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. एक नर्स ने बताया,

“हमारे पास हॉस्टल में रहने के अलावा कोई भी विकल्प नहीं है. सभी लगभग भरे हुए हैं, क्योंकि हमें अपनी ड्यूटी करनी है. उस डरावनी घटनाओं के बाद भी, हम रात की ड्यूटी कर रहे हैं.कभी-कभी हम वार्ड में अकेले होते हैं, हम वाकई में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.  RG Kar मेडिकल कॉलेज कैंपस में दो नर्सिंग हॉस्टल हैं.”

 डर से हॉस्पिटल छोड़ रहे स्टूडेंट्स

दरअसल, आरजी कर हॉस्पिटल कैम्पस में महिला डॉक्टरों और छात्राओं के लिए पांच हॉस्टल्स हैं. हॉस्टल छोड़ने के मामले का जिक्र 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में भी किया गया था. जब प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि 14 अगस्त की घटना के बाद लगभग 700 रेजिडेंट डॉक्टरों में से केवल 30-40 महिला डॉक्टर और 60-70 पुरुष डॉक्टर ही कैम्पस में रह रहे हैं.

इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट की बेंच बंगाल सरकार से कई सवाल पूछे थे. CJI चंद्रचूड़ ने कहा था कि अस्पताल पर भीड़ ने हमला किया. महत्वपूर्ण सुविधाएं क्षतिग्रस्त कर दी गईं. पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस को सबसे पहले घटनास्थल को सुरक्षित करना चाहिए था. हमें ये समझ नहीं आता कि अधिकारी बर्बरता से निपटने में कैसे सक्षम नहीं थे.
 

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