The Lallantop

धनतेरस पर चांदी के सिक्के खरीदने में चूना तो नहीं लगा, ये पढ़कर मालूम कर लीजिए

बाज़ार में असली चांदी के साथ नकली 'पुराने चांदी के सिक्के' आ गए हैं. यहां नुकसान चांदी की शुद्धता में नहीं हो रहा है. तब भी आप इन्हें खरीदकर नुकसान में जा सकते हैं.

Advertisement
post-main-image
धनतेरस पर चांदी के सिक्के खरीदने की परंपरा है(फोटो- आजतक)

क्या आपने धन तेरस पर चांदी का सिक्का खरीदा, ये खरीदने वाले थे? जवाब ‘हां’ में है, तो ये स्टोरी पूरी पढ़ जाइए – दिवाली अगर फाइनल है तो धनतेरस है सेमीफाइनल. इस दिन अपने-अपने रीति रिवाज़ के अनुसार सभी कुछ ना कुछ खरीदते जरूर हैं. किसी के यहां बर्तन खरीदने की प्रथा है तो किसी के यहां चांदी के सिक्के या भगवान की मूर्ति खरीदने की. किसी के यहां बच्चों के नए कपड़े खरीदे जाते हैं. कहीं-कहीं पर तो झाड़ू या चम्मच खरीदने का भी चलन है. 

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

इन सब चीज़ों में चांदी का सिक्का एक बढ़िया ऑप्शन माना जाता है. एक तो आपको क्रिएटिव खरीद में ज़्यादा दिमाग लगाना नहीं है. जूलरी की दुकान पर जाइए, सिक्का देखिये, ले आइए. चाहें तो ऑनलाइन खरीद लीजिए. और चूंकि चांदी एक मूल्यवान धातु है, तो खरीदने वाला ये मानकर चलता है कि एक तरह से आप कुछ पैसा जोड़ ही रहे हैं. ज़रूरत पड़ने पर इनसे गहने बनवाए जा सकते हैं या फिर इन्हें बेचकर पैसा उठाया जा सकता है. 

लेकिन इन सिक्कों का गणित इतना भी सीधा या सेफ नहीं है कि आप आंख बंद करके इन्हें खरीदने लगें. आपने कभी सोचा कि जो चांदी का सिक्का आपने धनतेरस पर खरीदा, उसमें असल में कितनी चांदी है? जो कीमत हम उसके लिए अदा कर रहे हैं, क्या उतने का सामान हम घर ला रहे हैं? या आपके साथ खेल हो गया?

Advertisement
रहिमन इस संसार में भांति भांति के सिक्के

गोल सिक्का

बाज़ार में कई प्रकार के सिक्के मिलते हैं. कुछ ऐसे होते हैं जिन पर किसी देवी देवता की आकृति उकेरी होती है. ये सिक्के आजकल चवन्नी जितने छोटे साइज़ से लेकर हाथ के कड़े जितने बड़े साइज़ में उपलब्ध हैं. 

चौकोर सिक्का

Advertisement

जरूरी नहीं कि आपको गोल सिक्के ही मिलें. आप बाज़ार से चौकोर सिक्के भी खरीद सकते हैं. और सिर्फ चौकोर ही क्यों? आप जिस आकार में चाहें, सिक्का ढलवा सकते हैं. तो मार्केट में आकारों की बढ़िया वेरायटी मिलेगी.

पुराना और बहुत पुराना सिक्का

मार्केट में वो सिक्के भी हैं जिन पर एक तरफ किसी अंग्रेज राजा या रानी की तस्वीर गुदी होती है और दूसरी तरफ लिखा रहता है "वन रूपी इंडिया." साथ में एक साल (सन्) भी लिखा होता है. ये सिक्के की ढलाई वाला साल होता है. ये वो चांदी के सिक्के होते हैं जो अंग्रेजी शासन के समय आम चलन में थे. अब  1000-1200 में बिकने वाला यह सिक्का तब एक रुपए की कीमत का हुआ करता था. या कहिए कि एक रुपये का सिक्का ही था. जितना पुराना सिक्का होगा, उतना दाम ज़्यादा होगा.

ये जानने के लिए कि आखिर कौनसा सिक्का हमें खरीदना चाहिए, हमने उत्तर प्रदेश में सहारनपुर जिले के सरसावा में स्थित उमंग ज्वेलर्स के प्रोप्राइटर, नवीन जैन से बात की. उन्होंने बताया, 

‘’प्रतिस्पर्धा के इस दौर में बाज़ार में बहुत से सिक्के उपलब्ध हैं. विविधता आकार और वजन में तो है ही, सिक्के में मौजूद चांदी की शुद्धता में भी है. आप जो सिक्का खरीद रहें हैं, उसमे सिर्फ 10 फीसदी चांदी भी हो सकती है और 91.6 फीसदी भी. एक आम ग्राहक को या तो अपने दुकानदार पर भरोसा करना पड़ेगा या तो हॉल्मार्क पर. 

दुकानदार-दुकानदार पर निर्भर करता है कि वो कौन सा माल बेच रहे हैं. ग्राहक शुद्धता के लिए चिंतित रहते हैं लेकिन उनके पास अमूमन जानकारी की कमी रहती है. लोग यह मान लेते हैं कि महंगा है तो ज्यादा बढ़िया है. कभी-कभी तो ग्राहक को राज़ी करना मुश्किल हो जाता है कि सही दाम पर जो सामान हम बेच रहे हैं, वो असली है.'' 

इसी सोच के चलते कई ग्राहकों का दिमाग 750 के करीब दाम पर बिकने वाले सिक्के को 1200 में बिकने वाले सिक्के से यूं ही कम शुद्ध मान लेता है, चाहे वज़न और शुद्धता दोनों में बराबर हो. नवीन जैन आगे बताते हैं, 

‘’ग्राहक के लिए आसान तरीका है कि वह हॉल्मार्क देखकर सिक्के खरीदे. हॉल्मार्क से हम जान सकते हैं कि उस सिक्के में कितनी फीसदी चांदी है और कितनी फीसदी अन्य धातु. बिना हॉल्मार्क वाले सिक्के में 10 फीसदी चांदी है या 90 फीसदी, कुछ नहीं कहा जा सकता.'' 

पुराना सिक्का, पुराना ही है, ये कैसे मालूम किया जाए?

जो ब्रिटिश कालीन पुराने (असली) सिक्के हैं, उन पर हॉल्मार्क नहीं होता. वैसे तो उन असली सिक्कों का वजन लगभग 11.66 ग्राम होता है और उनमें 91.6 फीसदी चांदी होती है. लेकिन बाज़ार में ये सिक्के वज़न के हिसाब से नहीं, बल्कि पीस के हिसाब से मिलते हैं. 

चिंता की बात यह है कि अब बाज़ार में पुराने सिक्कों जैसे दिखने वाले नए ढले हुए सिक्के भी आ गए हैं. यहां तक कि इन नए सिक्कों को ‘पुराना’ बनाने के लिए पॉलिश तक चढ़ा दिया जाता है. ये सिक्का खरीद लिया, तो आप घाटे में चले जाएंगे. क्योंकि हो सकता है कि इन पुराने जैसे दिखने वाले नए सिक्कों में चांदी उतनी ही हो, जितनी कि पुराने वाले में, लेकिन कीमत असली ‘पुराने सिक्कों’ (ब्रिटिश कालीन) की ही ज़्यादा होती है. 

ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे उमंग ने लिखी है.

वीडियो: खर्चा पानी: एलन मस्क की स्टारलिंक को भारत में मिलेगा लाइसेंस ?

Advertisement