The Lallantop

जानिए राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह मेमोरियल में क्या है खास

मेमोरियल ऐतिहासिक दांडी घटना को समर्पित है.

Advertisement
post-main-image
राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह मेमोरियल
30 जनवरी को महात्मा गांधी की बरती होती है. 71वीं बरसी पर प्रधानमंत्री ने गुजरात में दांडी का दौरा किया और यहां नैशनल साल्ट सत्याग्रह मेमोरियल यानी राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह मेमोरियल का उद्घाटन किया. दांडी का नाम सुनते ही महात्मा गांधी और दांडी मार्च की याद आती है. दांडी मार्च के बारे में हम स्कूल से ही पढ़ते आ रहे हैं. महात्मा गांधी 12 मार्च 1930 को दांडी यात्रा की शुरूआत की थी. यह यात्रा अग्रेजों द्वारा बनाए गए नमक के कानून को तोड़ने के लिए था. महात्मा गांधी ने 80 साथियों के साथ 358 किलोमीटर की दूरी तय करके दांडी पहुंचे थे. मेमोरियल का उद्घाटन करते हुए नरेंद्र मोदी यह मेमोरियल ऐतिहासिक दांडी घटना को समर्पित है. आइए जानते हैं इस मेमोरियल की ख़ास बातें- दांडी में इस मेमोरियल को करीब 110 करोड़ रुपए की खर्च से बनाया गया है. # मेमोरियल परिसर में कुल 40 सोलर ट्री लगाए गए हैं जिससे 144 किलोवॉट इलेक्ट्रिसिटी का उत्पादन होने का दावा किया गया है. # नमक सत्याग्रह मेमोरियल में महात्मा गांधी की 5 मीटर की प्रतिमा लगाई गई है. # महात्मा गांधी के साथ जो 80 लोग दांडी यात्रा में शामिल थे उनकी प्रतिमा भी मेमोरियल में बनाई गई है. यहां आने वाले विजिटर नमक को बनने की प्रक्रिया देख सकेंगे. # 48 मूर्तिकारों ने मिलकर सारे प्रतिमा तैयार किए हैं. ये 48 मूर्तिकार भारत के साथ ही ऑस्ट्रिया, बुल्गेरिया, बर्मा, जापान, श्रीलंका, ब्रिटेन, अमेरिका आदि से चुने गए थे. # दांडी मार्च से जुड़ी कहानियां को भी मूर्ति की शक्ल में बताया गया है. दांडी मेमोरियल को जानने के लिए यह छोटी सी वीडियो देखते जाइए.
वीडियो- असल में घटी इस कहानी पर बनी फिल्म में जॉन 18 लुक्स में दिखाई देंगे

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement