उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट (Amethi Lok Sabha Seat) पर कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा (Kishori Lal Sharma) ने बड़ी जीत हासिल की. उन्होंने इस सीट से स्मृति ईरानी (Smriti Irani) को 1 लाख 60 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया. अब किशोरी लाल की जीत पर उनकी बेटियों की प्रतिक्रिया सामने आई है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है.
किशोरी लाल शर्मा की बेटी अंजलि ने एक रिपोर्टर से बात करते हुए BJP की तरफ से उनके पिता पर की गई टिप्पणियों को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा,
किशोरी शर्मा को 'चपरासी' कहा गया, अब बेटियों के जवाब ने सबको चुप करा दिया!
Amethi Lok Sabha Seat पर Smriti Irani को Kishori Lal Sharma ने हरा दिया. किशोरी लाल की जीत पर उनकी बेटी की प्रतिक्रिया वायरल हो रही है.

“नौकर, चपरासी, प्रॉक्सी, चींटी बोलो, कुछ भी बोलो...अब कोई फर्क नहीं पड़ता. रिजल्ट आपको बता रहे हैं. नंबर आपको बता रहे हैं. जो भी बोला उन्होंने सब उनके खिलाफ गया. उन्होंने जो प्रियंका गांधी वाड्रा की अच्छी नकल उतारी थी. वो बहुत अच्छी कलाकार हैं.”
रिपोर्टर ने अंजलि से पूछा कि क्या स्मृति ईरानी को फिर से जाकर एक्टिंग करनी चाहिए. इसको लेकर उन्होंने कहा,
“उनका करियर चॉइस क्या है, वो हम बोलने लायक नहीं हैं.”
अंजलि ने आगे बताया कि उनके पिता किशोरी लाल का फोकस स्त्री, किसान, युवा न्याय से जुड़े तमाम मुद्दों पर होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि अमेठी और रायबरेली हमेशा से उनका परिवार रहा है.
किशोरी लाल शर्मा पर BJP का हमलादरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान किशोरी लाल के खिलाफ BJP नेता और रायबरेली से उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह ने हमला बोला था. इस दौरान उन्होंने किशोरी लाल को राहुल गांधी का चपरासी कहकर संबोधित किया था. लोकसभा चुनाव की बात करें तो किशोरी लाल शर्मा को कुल 539,228 वोट मिले थे. जबकि स्मृति ईरानी को 372,032 वोट मिले थे.
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अपनी जीत को लेकर किशोरी लाल शर्मा ने खुशी जाहिर की थी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा,
40 साल से कांग्रेस का हिस्सा“मैं 40 साल से अमेठी में काम रहा हूं. इस चुनाव में मैं अपने कार्यकर्ताओं का मूड भांप गया था. इस दौरान गांधी परिवार ने भी मेरी बहुत मदद की. अमेठी में स्मृति ईरानी ने 5 साल तक सिर्फ अहंकार की राजनीति की थी. इसलिए अमेठी की जनता ने स्मृति का अहंकार देखकर हरा दिया. बीजेपी अमेठी में बिना होमवर्क के राजनीति कर रही थी. शायद इसलिए इस लोकसभा चुनाव में स्मृति ने मुझे बहुत कम आंका था. क्योंकि मैं लो प्रोफाइल में रहता हूं.”
किशोरी लाल शर्मा की बात करें तो वो मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं. साल 1983 में जब पहली बार राजीव गांधी ने रायबरेली और अमेठी में कदम रखा, तब शर्मा भी उनके साथ आए. राजीव गांधी की मौत के बाद भी गांधी परिवार से उनके रिश्ते अच्छे रहे. जब सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में उतरीं तो किशोरी लाल शर्मा उनके करीबी सहयोगी बन गए. उनके साथ लगातार रायबरेली और अमेठी जाते रहे. जब सोनिया गांधी ने राहुल के लिए अमेठी सीट छोड़ी तो किशोरी शर्मा को अमेठी का जिम्मा सौंप दिया गया. जिसपर उन्होंने शानदार जीत हासिल की.
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