हर हफ्ते मेरे पापा मुझे 1 डॉलर दिया करते हैं. उस 1 डॉलर को रखने के लिए मैंने चार ऑप्शन बनाए हैं. पहला है खर्च, दूसरा बचत, तीसरा डोनेशन और चौथा इंवेस्ट. अगर मैं वो 1 डॉलर इंवेस्ट सेक्शन में रखता हूं तो मेरे पापा हर महीने के अंत में मुझे दो एक्स्ट्रा सिक्के देते हैं. वैसे अभी तक मैंने खर्च सेक्शन का इस्तेमाल सिर्फ दो बार किया है. मेरे इंवेस्ट सेक्शन में 10 डॉलर से ज्यादा जमा हो चुके हैं. इस सेक्शन में पैसे तो और जमा हुए थे लेकिन मैंने उसमें से कुछ निकाल कर डोनेशन सेक्शन में डाल दिया. इससे मैं उन लोगों के लिए खाना खरीदता हूं जिनके खर्च सेक्शन में इतने पैसे नहीं हैं कि वो अपना पेट भर सके.ये पढ़कर आप लोगों को लग रहा होगा कि पॉकेट मनी के साथ ये बच्चा इतना मैनेजमेंट क्यों कर रहा है. पॉकेट मनी तो मिलते ही हैं खर्च करने के लिए. तो ये खर्च करने बजाए क्या ताम-झाम फैलाए हुए है. ये बच्चा न्यूयॉर्क का रहने वाला है. फादर्स डे पर उसने फेसबुक पर ये पोस्ट डाला था. उसके साथ एक फोटू भी थी. जिसमें दोनों बच्चे पापा की गोद में बैठे हैं. सोच रहे होंगे कि इसमें कौन सा रॉकेट साइंस है. फादर्स डे पर सब अपने पप्पा को विश करने के लिए कुछ न कुछ लिखते हैं. खास है मेरे दोस्त. हमारे पापा तो पॉकेट मनी देते हैं खर्च करने के लिए. फिर उसका हिसाब भी नहीं लेते. कभी मांग लिया तो मांग लिया. लेकिन इस बच्चे के पापा इसे पॉकेट मनी भी देते हैं. और साथ में सिखाते हैं उसे मैनेज करना. ताकि आगे चलकर उनका बच्चा जिम्मेदार बन सके. वो कहते हैं न बच्चों के पहले टीचर उसके पेरेंट्स होते हैं. इस पोस्ट को अबतक 80 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक और करीब 95 हजार लोगों ने शेयर किया है. पोस्ट पर लोगों ने काफी दिलचस्प कमेंट्स भी किए हैं. ज्यादातर ने तो बच्चे के पापा की तारीफ की है. उनका कहना है कि जब भी वो पापा बनेगें, ऐसे ही जिम्मेदार पापा बनेगें. और अपने बच्चो को पैसे की अहमियत सिखाएंगे.
इस बच्चे की पॉकेट मनी का किस्सा पूरे फेसबुक को सेंटी कर रहा है
ऐसे ही हमने भी अगर पॉकेट मनी सेव की होती तो कभी नौकरी न करनी पड़ती.
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Source : Facebook
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