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केरल में एशियानेट न्यूज के ऑफिस पर पुलिस का छापा, एक क्लिक में पूरा मामला जानिए

ड्रग्स, यौन शोषण और फिर एक नाबालिग लड़की का इंटरव्यू हुआ... फिर छापा पड़ गया

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कोझिकोड में एशियानेट न्यूज के दफ्तर पर क्राइम ब्रांच की टीम का छापा (फोटो- ANI)

केरल में एशियानेट न्यूज के ऑफिस पर रविवार, 5 मार्च को पुलिस की रेड पड़ी (Kerala Police Raid on Asia Net Channel). रेड के दो दिन पहले ही वहां कुछ छात्रों ने कथित तौर पर न्यूज चैनल के ऑफिस में घुसकर हंगामा किया था. मामला चैनल की ड्रग्स पर एक पुरानी रिपोर्ट से जुड़ा है जिसमें स्कूली छात्राओं के यौन शोषण का दावा किया गया. पुलिस की रेड के बाद राज्य की लेफ्ट सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. वहीं सीएम विजयन ने इस छापेमारी को सही बताया है.

कब क्या हुआ?

-शुक्रवार, 3 मार्च की रात को Students' Federation of India SFI कार्यकर्ताओं का एक ग्रुप कथित तौर पर कोझीकोड में एशियानेट के ऑफिस में घुस गया. आरोप है कि उन्होंने सुरक्षा गार्डों के साथ मारपीट की, चैनल के खिलाफ नारे लगाए और कर्मचारियों को धमकाया.

-SFI सूत्रों ने दावा किया कि फर्जी खबरों के विरोध में छात्र संगठन ने मीडिया हाउस तक मार्च का आयोजन किया था.

-शनिवार, 4 मार्च को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सूत्रों ने आरोप लगाया कि उत्तरी केरल के एक स्कूल में 10 से ज्यादा छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के बारे में फर्जी न्यूज़ चलाने के लिए चैनल के खिलाफ शिकायत की गई थी.

-चैनल ने पिछले साल राज्य में ड्रग्स के खतरे पर एक रिपोर्ट तैयार की थी. निर्दलीय विधायक पी.वी. अनवर ने शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि रिपोर्ट में बच्ची के इंटरव्यू से जुड़े दावे फर्जी हैं. इस शिकायत के आधार पर ही केरल पुलिस ने रविवार को चैनल के ऑफिस पर छापा मारा.

एशियानेट ने क्या कहा?

आजतक के मुताबिक, एशियानेट न्यूज के कार्यकारी संपादक सिंधु सूर्यकुमार ने कहा-

सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला कर रही है. एशियानेट हर जांच में पूरा सहयोग करेगा. छापेमारी ड्रग्स माफिया के खिलाफ चलाई गई स्टोरी को लेकर की गई है. FIr में कई ऐसे आरोप हैं जिनमें कहा गया है कि सरकार की छवि को बदनाम करने की कोशिश की गई. ड्रग माफिया के खिलाफ लड़ाई समाज के हित में है.

सूर्यकुमार ने आगे कहा-

एक सत्तारूढ़ विधायक की शिकायत पर कार्रवाई की गई है. एशियानेट न्यूज का मानना है कि बिना जांच शुरू किए ही दफ्तर में एंटर करना और गुंडागर्दी करना लोकतांत्रिक संस्कृति के लिए ठीक नहीं है. एशियानेट न्यूज बिना किसी डर के स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता करेगा.

विपक्ष का क्या कहना?

विपक्षी पार्टी UDF ने छापेमारी के विरोध में विधानसभा का बहिष्कार किया. कांग्रेस ने सवाल किया कि छापेमारी के बाद मोदी सरकार और पिनाराई सरकार के बीच क्या अंतर रह गया? कांग्रेस के विधायक विष्णुनाद ने कहा-

ये मत सोचना कि आप मीडिया को धमकी दे सकते हैं और उन्हें अपने कंट्रोल में ला सकते हैं.

CM विजयन ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा-

विपक्ष बीबीसी की घटना के साथ इसकी तुलना नहीं कर सकता. बीबीसी के खिलाफ कार्रवाई एक नेता को लेकर की गई थी और दंगों के बारे में थी. लेकिन यहां छापेमारी किसी भी नेता के खिलाफ नहीं थी. नकली वीडियो बनाना मीडिया का काम नहीं है और इसमें एक नाबालिग को शामिल करना प्रेस की स्वतंत्रता नहीं है. कार्रवाई किसके खिलाफ है ये आपको समझना चाहिए.

सीएम ने कहा कि पुलिस ने चैनलों की शिकायत के आधार पर ऑफिस में हमला करने वाले SFI के लोगों की गिरफ्तारी भी की है. 

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