अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने कई जिंदगियां छीन ली. जख्म ऐसे जो शायद कभी न भरें. जीवन अनिश्चित है और उतना ही अप्रत्याशित भी. वरना प्लेन में सवार 242 यात्रियों में से एक की जान बच जाना किसी चमत्कार से कम तो नहीं. इस हादसे में इकलौते जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश. जिनका अब एक नया वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में वे आग की लपटों से बाहर निकलते हुए नजर आ रहे हैं.
'आग की लपटों से बाहर निकलते रमेश', प्लेन क्रैश में बचे इकलौते पैसेंजर का नया वीडियो
Ahmedabad Plane Crash में इकलौते जिंदा बचे Viswash Kumar Ramesh का अब एक नया वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में वे आग की लपटों से बाहर निकलते हुए नजर आ रहे हैं और बैकग्राउंड में घने काले धुएं का गुबार उठता नजर आ रहा है.
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विश्वास (39) भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं. जो भारत में अपने परिवार से मिलकर वापस लौट रहे थे. वे लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट की सीट नंबर 11A पर बैठे थे. सोशल मीडिया पर घूम रहे नए वीडियो में विश्वास को बीजे मेडिकल कॉलेज कैंपस से बाहर आते हुए देखा जा सकता है. जहां अफरा-तफरी मची हुई है और लोग हादसे को देख रहे हैं. विश्वास के हाथ में फोन है और बैकग्राउंड में घने काले धुएं का गुबार उठता नजर आ रहा है. राहगीरों में से एक रमेश को देखता है. उनके पास जाता है. हाथ पकड़ता है और फिर उन्हें दुर्घटनास्थल से दूर ले जाता है.
हादसे को याद करते हुए रमेश ने बताया था,
उड़ान भरने के तीस सेकंड बाद, एक तेज आवाज़ हुई और फिर प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह सब इतनी जल्दी हुआ... जब मैं उठा, तो मेरे चारों तरफ लाशें बिखरी हुई थीं. मैं डर गया. मैं खड़ा हुआ और भागा. किसी ने मुझे पकड़ लिया और एम्बुलेंस में डालकर अस्पताल ले गया.
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‘फिर कोई अनहोनी न हो जाए’इन सबके बीच 16 जून को साढ़े चार बजे एयर इंडिया की फ्लाइट ने लंदन जाने के लिए उड़ान भरी. ये 12 जून को हुए हादसे के बाद अहमदाबाद से लंदन जाने वाली एयर इंडिया की पहली फ्लाइट थी. जिसका नंबर बदलकर AI-159 कर दिया गया है. पहले इस फ्लाइट का नंबर AI-171 था. टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) ने एक रिपोर्ट छापी है. जिसमें उन यात्रियों से बात की गई है, जो 16 जून को लंदन के लिए रवाना हुए. ये जयेश रामजी की पहली उड़ान थी. पहली उड़ान का अपना अलग सुख होता है. लेकिन अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद से ये सुख अचानक घबराहट में बदल गया. जयेश रामजी चार दिन पहले उस प्लेन में भी हो सकते थे. जो टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही क्रैश हो गया. अच्छी बात ये रही कि हादसे से पहले ही उन्होंने फ्लाइट कैंसल कर दी और 16 जून की फ्लाइट से लंदन के लिए रवाना हुए. जयेश रामजी ने TOI को बताया,
मुझे AI 171 से लौटना था. मैंने अपनी यात्रा 16 जून तक के लिए टाल दी. क्योंकि मेरी मां बीमार थी. मैं बस यही चाहता हूं कि मैं सुरक्षित घर वापस आ जाऊं.
34 साल के जयेश दीव में रहते हैं और लंदन की एक दुकान में हेल्पर हैं. वे इकलौते ऐसे शख्स नहीं थे, जो 16 जून की उड़ान से पहले थोड़े घबराए हुए थे. बल्कि ऐसे तमाम लोग एयरपोर्ट पर मौजूद थे. फ्लाइट अपने निर्धारित समय से तीन घंटे से ज्यादा लेट थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि टर्मिनल का माहौल सामान्य नहीं था.
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28 साल के रास मिश्रा ने नम आंखें लिए अपने माता-पिता को अलविदा कहा. लंदन में एक लॉजिस्टिक फर्म में काम करने वाले रास ने कहा,
मैं डरा हुआ था. मैं भी थोड़ा नर्वस हूं, लेकिन मैं पहले भी एयर इंडिया से उड़ान भर चुका हूं. मुझे उनके पायलटों पर भरोसा है.
72 साल की कोकिला पटेल ने कहा कि उन्हें 14 जून को उड़ान भरनी थी. लेकिन दो दिन पहले हुए हादसे के बाद उन्होंने फ्लाइट रद्द कर दी. उन्होंने कहा,
मेरे बेटे ने कहा कि मुझे दूसरी एयरलाइन बुक कर लेनी चाहिए. लेकिन मैंने तब तक 16 जून को एयर इंडिया के साथ अपनी यात्रा बुक कर ली थी. मुझे भगवान और एयरलाइन पर भरोसा है. मैं वापस जाना चाहती हूं. हमेशा के लिए डरी हुई नहीं रहना चाहती.
बताते चलें कि एयर इंडिया की फ्लाइट ‘AI-171’ ने 12 जून की दोपहर अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी. यात्रा शुरू होने के कुछ ही सेकंड बाद प्लेन एयरपोर्ट के पास मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के ऊपर क्रैश हो गया. इस हादसे में 241 यात्रियों समेत हॉस्टल और उसके आस-पास के कई लोग मारे गए थे.
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