केरल में एक आदमी ने चूल्हे पर पक रही गर्म फिश करी अपनी पत्नी के मुंह पर उड़ेल दी. मामला काला जादू से जुड़ा है. पहले समझ लेते हैं कि मामला है क्या?
काला जादू करने से मना किया तो पति ने पत्नी पर फेंकी खौलती मछली करी; केरल में अंधविश्वास का ख़तरनाक सच
केरल में, कोल्लम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर उबलती मछली करी फेंक दी, क्योंकि उसने पति के कहने पर काला जादू के अनुष्ठान करने से मना कर दिया था.


केरल के कोल्लम जिले में रहने वाले सजीर को ऐसा लगने लगा कि उसकी पत्नी पर शैतानी ताकतों का साया है. क्यों लगने लगा? क्योंकि वो कुछ अलग-थलग सी रहने लगी है. ऐसे में सजीर अपनी पत्नी को एक तांत्रिक के पास ले कर गया. उपाय के तौर पर तांत्रिक ने कुछ तंत्र क्रियाएं करने को कहा. लौटने के बाद सजीर ने अपनी पत्नी पर उन रिचुअल्स को करने का दबाव बनाया. लेकिन उसने अपने पति की बात नहीं मानी.
लाज़मी है कि एंटाइटलमेंट से भरे एक पति को ये बात रास नहीं आई. ऐसे में उसने चूल्हे पर पक रही फिश करी की कड़ाही को अपनी पत्नी के मुंह पर उड़ेल दिया. चीख पुकार सुन आस-पास के लोग इकठ्ठा हुए. पत्नी को पास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने बताया कि उनका शरीर 22 प्रतिशत तक जल चुका है. ये सब क्यों हुआ, क्योंकि उस महिला ने ब्लैक मैजिक करना नहीं चुना.
केरल और काला जादू का एक इतिहास रहा है. साल 2019 में तांत्रिक के कहने पर एक महिला ने खुद को हफ़्तों तक भूखा रखा, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. 2021 में एक महिला ने तांत्रिक के कहने पर अपने ही 6 साल के बच्चे को मार दिया. उसका मानना था कि ऐसा करने से भगवान खुश होंगे. साल 2022 में ही एक पति-पत्नी ने अपनी दो बेटियों की जान ले ली और उसको बलि चढ़ाना कहा. साल दर साल ऐसे कई केस आए.
इन सबके बीच केरल के कुछ लोगों ने मांग की कि जल्द से जल्द एक ऐसा कानून लाया जाए जिससे काला जादू और इस तरह के अमानवीय तरीकों पर रोक लगे. केरल लॉ कमीशन ने एक बिल सामने रखा. नाम- The Kerala Prevention and Eradication of Inhuman Evil Practices, Sorcery and Black Magic Bill, 2022. इस बिल से इन सारे रिचुलस को ख़त्म करने और क्रिमिनिलाइज करने की बात कही गई.
साल बीतते गए और बिल को एक्ट की शक्ल में तब्दील नहीं किया गया. इसे लेकर केरल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई. जून 2025 में केरल लॉ कमीशन ने केरल हाईकोर्ट से कह दिया कि अभी इस बिल को पास करने का उनका कोई इरादा नहीं है. उनका कहना था कि इससे केरल के लोगों के मन में एक डर पैदा हो गया है. डर इस बात का कि इस कानून के आने के बाद वो अपना धर्म खुल कर नहीं निबाह पाएंगे. हाईकोर्ट ने भी इस पर कोई सवाल नहीं किया. और याचिका खारिज कर दी गई.
बहरहाल, लौटते हैं ब्लैक मैजिक के हालिया केस पर जिसमें सजीर ने अपनी पत्नी को फिश करी से जला दिया. इस मामले में जब पड़ोसियों ने FIR दर्ज करवाया तब घरेलू हिंसा का एक पुराना रिकॉर्ड भी सामने आया. पीड़िता ने पहले भी पति सजीर के ख़िलाफ़ मारपीट की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उसे चेतावनी भी दी गई थी. लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी और लगातार काला जादू करने वालों से मिलता रहा.
पुलिस ने आरोपी सजीर के ख़िलाफ़ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 118(1) के तहत गंभीर चोट पहुँचाने का मामला दर्ज किया है और अब आगे की जांच कर रही है.
इन सब के बीच सवाल ये है कि लगातार बढ़ रहे अपराधों के बीच क्या ज़्यादा ज़रूरी है? लोगों की जान या खुद को देवता समझ रहे इंसान की बातों में आ कर अमानवीय कामों को सही ठहराना?
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