कर्नाटक में सरकारी बसों के किराए (Karnataka Bus Fare Hike) को 20 परसेंट तक बढ़ाया जा सकता है. कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) ने ऐसी योजना बनाई है. KSRTC ने बताया है कि पिछले तीन महीनों में उन्हें 295 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. KSRTC के अनुसार, इस घाटे का कारण शक्ति योजना है. इस योजना के तहत राज्य में महिलाओं को फ्री बस सुविधा दी जाती है.
महिलाओं को फ्री बस की सुविधा दी, अब बसों का किराया बढ़ाने की तैयारी में कर्नाटक सरकार!
Shakti Yojna के तहत Karnataka में महिलाओं को फ्री बस सुविधा दी जाती है. KSRTC अध्यक्ष ने कहा है कि इस योजना के कारण विभाग को 295 करोड़ का नुकसान हुआ है.

KSRTC के चेयरमैन और कांग्रेस विधायक एसआर श्रीनिवास ने कहा है कि बढ़ती महंगाई के बीच विभाग के रखरखाव के संतुलन के लिए ऐसा किया गया है. उन्होंने कहा कि 12 जुलाई को हुई बोर्ड की बैठक में किराया बढ़ाने का फैसला लिया गया. और ये संकल्प भी लिया गया कि इसे मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि 2020 से KSRTC के कर्मचारियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. उन्होंने आगे कहा,
“बस सेवाएं जरूरी हैं. अगर कोई बस ड्राइवर नहीं आता है, तो गांव में उस दिन के लिए बस सेवा बंद हो सकती है. शक्ति योजना के कारण पिछले तीन महीनों में हमें 295 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.”
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनिवास ने मुख्यमंत्री से 15 से 20 प्रतिशत तक किराया बढ़ाने की मंजूरी मांगी है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर किराया नहीं बढ़ाया गया तो KSRTC को बचाया नहीं जा सकेगा. हालांकि, मुख्यमंत्री की ओर से अब तक अप्रूवल नहीं मिला है.
उत्तर पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NWKRTC) के अध्यक्ष राजू कागे ने भी कहा है कि ये घाटा शक्ति योजना के कारण है. जो सिद्धारमैया सरकार की पांच गारंटियों में से एक है. 11 जून, 2024 को इस योजना को लागू हुए 1 साल हो गया था. कागे ने कहा कि पिछले 10 सालों में बस किराए में कोई वृद्धि नहीं हुई है. उन्होंने आगे कहा कि विभाग घाटे में है, लेकिन अब भी किसी तरह काम चलाया जा रहा है.
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