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देवगौड़ा परिवार पर खबर छपी, तो अखबार के एडिटर के खिलाफ FIR करवा दी

ऐसा क्या लिखा था अखबार ने...

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निखिल कुमारस्वामी देवगौड़ा के पोते हैं. मांड्या सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था उन्होंने. पूर्व कांग्रेस नेता अंबरीश की पत्नी सुमलता से हार गए. सुमलता निर्दलीय लड़ रही थीं.
कन्नड़ भाषा का एक अखबार है- विश्ववाणी. 25 मई को इसमें एच डी देवगौड़ा और उनके परिवार के बारे में एक खबर छपी. इसके मुताबिक, लोकसभा चुनाव में जेडी (एस) के बेहद खराब प्रदर्शन की वजह से देवगौड़ा के परिवार में दरार आ गई. खबर का दावा था कि मांड्या सीट पर हुई अपनी हार से नाराज़ देवगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी ने अपने दादा को बेंगलुरु स्थित उनके घर पर गालियां दीं. निखिल ने अपनी हार का दोष दादा देवगौड़ा को दिया. इस खबर से नाराज़ जेडी (एस) के एक नेता प्रदीप गौड़ा ने विश्ववाणी के खिलाफ एक FIR दर्ज़ की है. अखबार के मालिक और संपादक विश्वेश्वर भट पर भी केस दर्ज़ हुआ है.
प्रदीप गौड़ा का इल्ज़ाम है कि विश्ववाणी और इसके संपादक विश्वेश्वर भट ने मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे निखिल को लेकर झूठी खबर छापी है. इसके पीछे उनकी दुर्भावना है. अखबार के खिलाफ मानहानि, चीटिंग और धोखेबाजी का भी आरोप लगाया गया है. निखिल कुमारस्वामी के साथ चुनाव में हुआ क्या? देवगौड़ा के अलावा उनके दो पोतों ने भी लोकसभा चुनाव लड़ा. इनमें से एक निखिल कुमारस्वामी मंड्या से हारे. उन्हें यहां से तीन बार सांसद रहे कांग्रेस नेता अंबरीश की पत्नी सुमलता ने हराया. 2018 में अंबरीश की मौत हो गई थी. सुमलता पति की जगह खुद के लिए कांग्रेस का टिकट चाहती थीं. मगर अपने गठबंधन की अरैंजमेंट में कांग्रेस ने ये सीट जेडी (एस) को दे दी. तब सुमलता निर्दलीय खड़ी हुईं. कांग्रेस से पहले ये सीट जेडी (एस) का गढ़ हुआ करती थी. देवगौड़ा कॉन्फिडेंट थे कि कांग्रेस तो साथ में ही है, तो उनका पोता निखिल यहां से पक्का जीत जाएगा. मगर ऐसा नहीं हुआ.
निखिल से जुड़ी खबर क्या थी? देवगौड़ा ने हासन का अपना गढ़ अपने दूसरे पोते प्राज्वल रेवन्ना के लिए छोड़ा. हासन जेडी (एस) का सबसे पक्का किला है. प्राज्वल यहां से जीत भी गए. हासन छोड़कर देवगौड़ा खुद तुमकुर से चुनाव लड़े और बीजेपी प्रत्याशी जी एस बसावराज से हार गए. फिर खबर आई कि निखिल अपनी हार से बहुत नाराज़ हैं. उन्हें लग रहा है कि जिस तरह देवगौड़ा ने प्रज्वल की सीट पर उसे सपोर्ट देने के लिए कांग्रेस नेताओं को राज़ी किया, वैसा उन्होंने मांड्या में नहीं किया. इसी ऐंगल पर थी विश्ववाणी की खबर. ये भी लिखा था कि हार के गुस्से में निखिल ने मैसूर के रेडिसन ब्लू होटल में खूब हंगामा किया. ऐसी भी खबरें आईं कि निखिल ने खूब शराब पी हुई थी. FIR में प्रदीप गौड़ा ने लिखवाया है कि निखिल का देवगौड़ा पर भड़कने की जो घटना अखबार में बताई गई है, वो झूठी है. ये निखिल कुमारस्वामी का राजनैतिक करियर खराब करने के मकसद से लिखा गया है.
पिता एच डी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री, दादा एच डी देवगौड़ा पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेकुलर के मुखिया, ऐसा लग रहा था कि निखिल की पॉलिटिकल लॉन्चिंग बड़ी आसान होने वाली है. मगर ऐसा हुआ नहीं. वो चुनाव हार गए (फोटो: PTI)
पिता एच डी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री, दादा एच डी देवगौड़ा पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेकुलर के मुखिया, ऐसा लग रहा था कि निखिल की पॉलिटिकल लॉन्चिंग बड़ी आसान होने वाली है. मगर ऐसा हुआ नहीं. वो चुनाव हार गए (फोटो: PTI)

कुमारस्वामी ने विश्ववाणी की खबर पर क्या कहा? विश्ववाणी की खबर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की भी प्रतिक्रिया आई थी. इसे झूठा और फर्ज़ी बताया था. उन्होंने कहा था-
कन्नड़ के एक अखबार में निखिल कुमारस्वामी के लिए जो खबर छपी है, वो ग़लत है. निखिल का जिस तरह चरित्र हनन किया गया, उससे एक पिता के तौर पर मुझे बहुत तकलीफ हुई. इस बात की जानकारी अखबार के संपादक को भी दे दी गई है. मैं मीडिया से गुज़ारिश करता हूं कि वो इस तरह की झूठी खबरों के सहारे लोगों की भावनाओं के साथ खेलना बंद कर दें.
इस पर विश्ववाणी के संपादक का जवाब भी आया. उन्होंने कहा कि पत्रकार ने अपने भरोसेमंद सूत्रों के हवाले से खबर लिखी थी. कि उनका अखबार अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए कभी झूठी खबर नहीं छापता. FIR दर्ज़ होने की निंदा की है विपक्षी बीजेपी ने. उनका कहना है कि कांग्रेस-जेडी (एस) राज में मीडिया की आज़ादी पर रोड़ा अटकाया जा रहा है.


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