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नेपाल के नए PM होंगे केपी शर्मा ओली, चौथी बार लेंगे प्रधानमंत्री पद की शपथ

Nepal के राष्ट्रपति कार्यालय ने KP Sharma Oli को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

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केपी ओली लेंगे पीएम पद की शपथ. (फोटो-ट्विटर)

भारत का पड़ोसी देश नेपाल एक बार फिर सत्ता परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है. वहीं, नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय ने सीपीएन- यूएमएल (CPN(UML)) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' शुक्रवार को संसद में विश्वास मत हारने के बाद पद से इस्तीफा दे चुके हैं. ओली सोमवार 15 जुलाई की सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे.

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इससे पहले, शनिवार 13 जुलाई को CPN(UML) ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने और नए मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नाम पर फैसला करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्थायी समिति के सदस्य राजन भट्टराई के अनुसार, शुरुआत में एक छोटा मंत्रीमंडल होगा, जिसका बाद में विस्तार किया जाएगा.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार 12 जुलाई को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को सौंपे अपने दावे में कहा था कि उन्हें 166 सांसदों का समर्थन हासिल है, जिसमें CPN(UML) के 78 और शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली पार्टी नेपाली कांग्रेस (NC) के 88 सांसद शामिल हैं.

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इससे पहले केपी शर्मा ओली ने गुरुवार 11 जुलाई को प्रचंड की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) (CPN(MC)) को छोड़कर NC के साथ गठबंधन सरकार बनाने के अपनी पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कहा, 

 ‘देश की राजनीतिक स्थिरता और विकास को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक था.’

नेपाल में साल 2008 में राजशाही का साथ छोड़कर  संविधान अपनाने के बाद 13 अलग-अलग सरकारें बनीं हैं. इससे पहले ओली 11 अक्टूबर, 2015 से 3 अगस्त, 2016 तक देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. इस दौरान नई दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण थे. इसके बाद उन्होंने 5 फरवरी, 2018 से 13 मई, 2021 तक पीएम रहे थे. 

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ओली को चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है. अपने पहले कार्यकाल के दौरान, ओली ने नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए सार्वजनिक रूप से भारत की आलोचना की थी और भारत पर उनकी सरकार को गिराने का आरोप लगाया था. नेपाल में जब संविधान लागू हुआ था तब वहां हिंसक प्रदर्शन हुआ था. ओली ने इस विरोध के पीछे भारत का हाथ बताया था. उनके समय में नेपाल के नक्शे में भारतीय क्षेत्रों को दिखाया गया था. जिसके बाद दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. 
 

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