मुरादाबाद के होटल में पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पीसी के बाद हंगामा हुआ.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो चल रहा है. इसमें दिख रहा है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी एक व्यक्ति को दौड़ा रहे हैं. वो शख्स पत्रकार है. उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पीटने का आरोप लगाया. चोट भी दिखाई. एक वीडियो में अखिलेश पत्रकार को बीजेपी का एजेंट बताते हुए दिख रहे हैं. इस मामले को लेकर बीजेपी ने अखिलेश यादव और सपा पर निशाना साधा है. वहीं समाजवादी पार्टी ने पत्रकारों पर तो सवाल उठाए ही, योगी आदित्यनाथ को भी पलटकर घेरने की कोशिश की. आइए बताते हैं पूरा मामला.
अखिलेश के सामने हुई पूरी घटना
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का गुरुवार 11 मार्च को मुरादाबाद में कार्यक्रम था. अखिलेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होनी थी. इसकी टाइमिंग शाम साढ़े पांच बजे रखी गई थी, लेकिन अखिलेश यादव दो घंटे की देरी से पहुंचे. रात करीब 8 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद जब अखिलेश यादव जाने लगे, उसी दौरान एक चैनल के पत्रकार ने उन्हें रोककर बात करने की कोशिश की. आरोप है कि अखिलेश के सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकार को धक्का दे दिया. इसी को लेकर पत्रकार और सुरक्षाकर्मियों के बीच बहस हो गई. आरोप ये भी है कि विवाद बढ़ने पर सुरक्षा में तैनात लोगों ने मारपीट की. इस घटना के कई वीडियो सामने आए हैं. एक वीडियो में दिख रहा है कि पत्रकार जमीन पर गिरा हुआ है. इस पूरी घटना के दौरान अखिलेश यादव वहीं मौजूद थे. कुछ वीडियो में दिख रहा है कि वह कह रहे हैं कि 'हां मारा है'. पत्रकार को बीजेपी का एजेंट भी बता रहे हैं.
योगी के सलाहकारों ने साधा निशाना
सीएम योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने ये ट्वीट किया. पूछा है कि इतनी निर्दयता कहां से लाते हैं? आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने भी ट्वीट करके समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा,
समाजवादी पार्टी का क्या कहना है?
हमने समाजवादी पार्टी का पक्ष जानने के लिए पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी और प्रवक्ता राजीव राय से बात की. उन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया है. देखिए-
दी लल्लनटॉप से बातचीत में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजीव राय ने कहा,
समाजवादी पार्टी पत्रकारों का सम्मान करती है. लोहिया जी ने कहा था कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं, वो हम आज भी मानते हैं. लेकिन इस तरह के पत्रकारों की भी जिम्मेदारी बनती है कि अपने आचरण को संभालकर रखें. वो पत्रकार किसी एंगल से नहीं दिख रहे थे. मैं वहीं था. अखिलेश जी के पहुंचने से दो घंटे पहले से वो घटिया कमेंट कर रहे थे. हम लोग उन्हें टॉलरेट कर रहे थे. आपने उनके वीडियो को देखा होगा. पहले नाटक किया, और फिर खड़ा होकर हंसने लगा. इस तरह के पत्रकार ही पत्रकारों की गरिमा को गिराते हैं.
बीजेपी के आरोपों पर राजीव राय ने कहा,
जो पत्रकारों को दाल में पानी दिखाने के लिए, बच्चों के भोजन में कमियों को उजागर करने के लिए जेल में डलवाते हैं, उनको राजनैतिक और नैतिक हक नहीं है कमेंट करने का. ये वे लोग हैं जो उनकी ना सुनने वाले जेल में डाल देते हैं.
मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद सैय्यद तुफैल हसन भी अखिलेश के इस कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्होंने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में दावा किया कि सपा अध्यक्ष ने किसी से बातचीत करने से इंकार नहीं किया था. कुछ मीडियावालों ने सुरक्षा घेरा तोड़ दिया. सुरक्षाकर्मियों के रोके जाने पर गिर गए. एक पत्रकार के पैर में चोट आई. उसे अस्पताल भेज दिया गया.
अखिलेश ने पहले कहा था, तुम फिर बिक गए
हाल में पत्रकारों से विवाद का एक और मामला सामने आया था, जब अखिलेश यादव ने पत्रकार को बिका हुआ बता दिया था. हाथरस जिले में छेड़छाड़ की शिकायत करने पर आरोपी ने लड़की के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले को लेकर अखिलेश योगी सरकार पर हमला कर रहे थे. कहा कि बीजेपी घमंड में चूर है, और जातिवादी मानसिकता से काम रही है. इस दौरान एक पत्रकार ने अखिलेश यादव से पूछ लिया कि हाथरस मामले में 2018 में ही छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ था. तब क्या कार्रवाई हुई थी? इस पर अखिलेश पहले बोले, सवाल वह नहीं है. फिर अचानक ही आपा खो बैठे . और कहा, तुम फिर बिक गए... बिक गए बस इतने में. बिक गए तुम. अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके. बोले, जरा अपने चैनल का नाम बताइए, जो बिक गए हो तुम. अखिलेश के सवाल पर पत्रकार ने जब अपने चैनल का नाम बताया, तो सपा प्रमुख फिर तुनक कर बोले, चैनल के बिके हुए आदमी हो.