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खालिस्तानी-पाकिस्तानी समर्थक पैरों तले रौंद रहे थे, पत्रकार ने भीड़ में घुसकर तिरंगा छीना

खालिस्तानी टी-शर्ट पहने प्रदर्शनकारियों के पास से खंजर मिले हैं.

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तस्वीर में भारतीय पत्रकार पूनम जोशी दिख रही हैं. दाईं ओर दिख रही तस्वीर वीडियो का स्क्रीनग्रैब है.
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को बेअसर करने के बाद पाकिस्तान कई मंचों पर इसका विरोध कर रहा है. जहां संभव हो रहा है, वहां एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहा है. वो बात अलग है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में उसे किसी भी मुल्क का समर्थन नहीं मिल रहा. यहां तक कि चीन का भी. लेकिन पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थक अब भी विरोध में डटे हुए हैं. हाल ही में ऐसा ही वायरल वीडियो एक सामने आया है. लेकिन वायरल होने के पीछे पाकिस्तानी विरोध नहीं, भारतीय पत्रकार का सख़्त और देशभक्त रवैया है.
# पूरा मामला 
मामला लंदन का है. जहां भारतीय हाई कमीशन के बाहर पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थक जुटे थे. ये लोग भारत के तिरंगे झंडे को पैरों तले रौंद रहे थे. तिरंगे के 2 टुकड़े कर दिए थे. प्रतीकात्मक रूप से जूते मार रहे थे.
ये तस्वीर पूनम जोशी ने अपने फेसबुक अकाउंट से शेयर की है.
ये तस्वीर पूनम जोशी ने अपने फेसबुक अकाउंट से शेयर की है. बाईं ओर दिख रहे शख़्स ने झंडा चुराया, बीच वाले ने झंडा फाड़ा और तीसरे ने झंडे को पैरों तले रौंदा था.

ज़ाहिर है कोई भी देशप्रेमी अपने मुल्क के झंडे का ऐसा अपमान नहीं देख सकता. और लाज़िम है कि भारतीय भी इसमें अपवाद नहीं है. जब पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थक भारतीय हाई कमीशन के बाहर ये सब प्रदर्शन कर रहे थे, तो एक पत्रकार से ये अपमान न सहा गया. प्रदर्शनकारी तिरंगे को रौंद रहे थे और उन्हें रोकने का चैलेंज कर रहे थे. न्यूज़ ऐजेंसी ANI के लिए लंदन में स्वतंत्रता दिवस कवर कर रहीं पत्रकार पूनम जोशी तिरंगे का अपमान होते देख प्रदर्शनकारियों की ओर भागीं और उनके कब्जे से तिरंगा छीन लिया. ANI ने भी ये वीडियो ट्वीट किया है. पूनम ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी जानकारी दी है. पूरी घटना के बाद पूनम ने लंदन के मेयर सादिक खान, मेट्रोपोलिटिन पोलिस और विरोध कर रहे पाकिस्तानी-खालिस्तानी समर्थकों के नाम खुला खत भी लिखा है. फेसबुक पर लिखे खत में पूनम ने लिखा है कि प्रदर्शन करना हर किसी का हक़ है. लेकिन हिंसा करना, डराना धमकाना और सार्वजनिक सुरक्षा को हाथ में लेने का हक़ कैसे है किसी को.
इस इवेंट में खलल बढ़ा तो पुलिस आई तो खालिस्तान समर्थकों को हिरासत में लिया. उनके पास से खंजर बरामद किया गया.


वीडियो- इल्तिज़ा मुफ्ती की लिखी चिट्ठी अमित शाह तक नहीं पहुंची, मगर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई

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