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'हमारे यहां औरतें क्रिएटिव काम नहीं करतीं', Walt Disney का लेटर वायरल

बात लगभग एक सदी पुरानी है. कुछ को इस खत में Walt Disney का प्रोफेश्नलिज़म दिखा, तो किसी को जेंडर बायस.

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सांकेतिक तस्वीर- लड़कियों के लिए अवसरों के दरवाजे वॉल्ट डिज़्नी जैसी कंपनियों में भी बड़ी देर से खुले. वॉल्ट डिज़्नी के बैनर तले आई 'पेपरमेन' (2012) का एक दृश्य.

The Walt Disney Company - दुनिया के सबसे बड़े प्रॉडक्शन हाउस में से एक, जिसका इतिहास एक सदी से भी पुराना है. जिसने एक से एक एनिमेशन फिल्में बनाईं. जिसने हमें मिकी माउस दिया. ऐसे प्रॉडक्शन हाउस में हज़ारों आर्टिस्ट काम करते हैं. इसी वॉल्ट डिज़्नी में एक लड़की ने एक क्रिएटिव पोज़ीशन के लिए अप्लाई किया था. लेकिन डिज़्नी के मालिक, Walt Disney ने उसे ये कहकर रिजेक्ट कर दिया कि हमारे यहां महिलाएं क्रिएटिव काम नहीं करती हैं. ये 1938 की बात है. हमें कैसे मालूम चली? ऐसे, कि जो खत वॉल्ट ने लड़की को रिजेक्ट करते हुए लिखा था, वो इन दिनों सोशल मीडिया पर तैर रहा है. इसमें वॉल्ट लिखते हैं,  

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 'हमारे यहां महिलाएं स्क्रीन के लिए कार्टून तैयार करने में कोई क्रिएटिव काम नहीं करतीं. ये काम पुरुषों द्वारा किया जाता है. अतः लड़कियों को ट्रेनिंग स्कूल के लिए कंसिडर नहीं किया जाता.'

डिज़्नी ने ऐसा कहा क्यों?

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Mary V Ford नाम की एक लड़की ने वॉल्ट डिज़्नी प्रॉडक्शन्स लिमिटेड के ‘इंकिंग एंड पेंटिंग’ डिपार्टमेंट में काम करने के लिए अप्लाई किया. मैरी के आवेदन पर डिज़्नी ने खुद जवाब दिया और 7 जून, 1938 को मैरी को एक खत लिखा. इसमें डिज़्नी ने रिजेक्शन का तकनीकी कारण भी दिया. वो लिखते हैं,

“महिलाओं के लिए हमारे यहां पर सिर्फ़ सेल्युलाइड शीट पर ट्रेसिंग का काम ही है.”

डिज़्नी की पहचान एक महान कलाकार और सफल आंत्रप्रेन्योर की थी. उन्होंने एक आवेदक को सिर्फ इसलिए रिजेक्ट कर दिया क्योंकि वो लड़की है, ये जानकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अफसोस जताया. वॉल्ट चाहे अपनी कंपनी पॉलिसी की बात कर रहे हों, लेकिन वो थी तो सेक्सिस्ट ही.

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सेक्सिज़म वाली बात पर कई लोगों का मत ये भी रहा, कि वॉल्ट की एक सदी पुरानी बात को जेंडर की आधुनिक समझ के बरअक्स रखने से वो उतनी खराब नज़र आने लगती है, जितनी वो है नहीं. लेकिन फिर ये बात भी है, कि वॉल्ट एक कलाकार थे. कलाकारों से समाज ने हमेशा प्रगतिशील समझ की अपेक्षा की है. 

वैसे डिज़्नी के जवाब को लोगों ने जेंडर से हटकर भी देखा. उन्हें इस खत में डिज़्नी का प्रोफेश्नलिज़म नज़र आया. एक रेडिट यूज़र ने लिखा,

'समय कितना बदल गया है! अब तो जब आप रिजेक्ट होते हैं, तो आपको जवाब तक नहीं मिलता.'

प्रोफेश्नलिज़म और जेंडर बायस पर बात करने वाले एक तरफ थे. दूसरी तरफ थे वो लोग, जो किसी भी चीज़ में सिर्फ एक चीज़ खोजते हैं - मौज. एक रेडिट यूज़र ने लिखा, 

'ये तब की बात है, जब औरतों का नाम सिर्फ़ 'मैरी' हुआ करता था.'

वॉल्ट डिज़्नी कौन थे? 

इनका पूरा नाम वॉल्टर एलियास डिज़्नी था. 5 दिसंबर, 1901 को शिकागो पैदा हुए वॉल्ट बचपन से ड्रॉइंग बनाने के शौकीन थे. 1923 में कैलिफोर्निया आ गए. 16 अक्टूबर 1923 को वॉल्ट और उनके भाई रॉय ने मिलकर डिज़्नी ब्रदर्स स्टूडियो की नींव रखी. यही कंपनी आज द वॉल्ट डिज़्नी कंपनी कहलाती है. 

1928 में वॉल्ट ने ऊब ईवर्क्स के साथ मिलकर मिकी माउस बनाया, जो आज भी वॉल्ट और उनकी कंपनी की पहचान है. डिज़्नी और उनकी कंपनी ने ढेर सारी सूपरहिट एनिमेशन मूवीज़ बनाई हैं. कई पात्रों को दुनिया भर में जाना पहचाना नाम बनाया है. जैसे स्नो वाइट, सिंड्रेला, विनी द पू, डॉनल्ड डक वगैरह. आज दुनिया वॉल्ट को एक महान एनिमेटर के साथ-साथ एक सफल फ़िल्म प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और स्क्रीन राइटर के रूप में याद करती है. 

इस खत पर वॉल्ट डिज़्नी का कोई जवाब आए, तो हम उसे भी अपनी खबर में शामिल करेंगे.

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