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'लैंड फॉर जॉब' स्कैम में लालू, राबड़ी, तेजस्वी, मीसा को बेल, फैमिली कैसे फंसी इस झमेले में?

Bihar का 14 साल पुराना 'Land for Job' घोटाला आखिर क्या है? जिसमें CBI ने लालू, राबड़ी और तेजस्वी और मीसा भारती को भी आरोपी बनाया है.

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दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंजूरी दी है | प्रतीकात्मक फोटो: आजतक

लैंड फॉर जॉब (Land for Job) केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दे दी है. लालू, राबड़ी समेत लैंड फॉर जॉब केस के 6 आरोपियों ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी. इसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को जमानत दे दी है.

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इससे पहले 22 सितंबर को अदालत ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती के अलावा 14 आरोपियों को समन जारी किया था. जिसके बाद 4 अक्टूबर (बुधवार) को लालू परिवार कोर्ट में पेश हुआ. लालू यादव के साथ तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती भी कोर्ट पहुंचीं. इस दौरान राज्यसभा सांसद मनोज झा भी उनके साथ थे. अदालत में पेशी के बाद उन्हें जमानत दे दी गई. कोर्ट ने परिवार को 50,000 के निजी मुचलके पर ये जमानत दी है और मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर तय की है.

Land for Job घोटाला क्या है?

बिहार का ये मामला 14 साल पुराना है. उस वक्त लालू, केंद्र की UPA सरकार में रेल मंत्री थे. CBI के आरोपों के मुताबिक, साल 2004 से 2009 तक 7 लोगों को रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी दी गई थी. आरोप है कि इन लोगों ने नौकरी के बदले में बेहद कम कीमत पर अपनी जमीनें लालू यादव के परिवार वालों के नाम ट्रांसफर कर दी थीं. नौकरी पाने वाले लोगों को पहले रेलवे में सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया.

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इन लोगों की ये नियुक्तियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जैसे इलाकों में हुई थीं. आरोप है कि इन नियुक्तियों का कोई विज्ञापन या नोटिस तक नहीं जारी किया गया और बहुत जल्दबाजी में नियुक्तियां हुईं. आरोप ये भी है कि पश्चिम और मध्य रेलवे जोन ने कुछ उम्मीदवारों के आवेदन को बिना पते के अप्रूव कर दिया. इसके बाद जब बदले में जमीन का सौदा हो गया तो इन सभी नौकरी पाने वाले लोगों को रेगुलर कर दिया गया.

लैंड फॉर जॉब केस में लालू और उनके परिवार को बड़ी राहत
फाइल फोटो
Land for Job में अब तक क्या-क्या हुआ?

CBI ने  इस मामले में पिछले साल 18 मई को केस दर्ज किया था. जुलाई में CBI ने भोला यादव नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. भोला, लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए उनके OSD (Officer on Special Duty) थे. इसके बाद 10 अक्टूबर 2022 को CBI ने मामले में पहली चार्जशीट दाखिल की. इसमें कुल 17 लोगों को आरोपी बनाया गया. इस साल फरवरी में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू परिवार समेत 14 आरोपियों को समन जारी किया था. जिसके बाद 15 मार्च को लालू परिवार समेत सभी आरोपी कोर्ट में पेश हुए थे, लेकिन सभी को 50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी गई.

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CBI अब तक तीन बार तेजस्वी को भी पूछताछ के लिए बुला चुकी है. बीते 6 मई को राबड़ी देवी और फिर 7 मई को लालू यादव से भी CBI ने 5-5 घंटे पूछताछ की थी. जिसके बाद जुलाई 2023 में CBI ने दूसरी चार्जशीट दायर की. उधर, तेजस्वी यादव इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं. उनकी दलील है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव को निजी फायदे के लिए किसी को रेलवे में नियुक्ति देने का अधिकार ही नहीं था.

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