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JNU का नया नियम : धरने पर धरे जाएंगे, 20-30 हजार का जुर्माना, नाम कटवाकर घर भेज देंगे

विरोध-प्रदर्शन वाली ढपली बजाना हुआ खतरनाक.

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JNU छात्रों के प्रदर्शन की पुरानी तस्वीर. (साभार- सोशल मीडिया)

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में प्रदर्शन करने पर जुर्माना लगेगा. यूनिवर्सिटी प्रशासन के नए नियमों के मुताबिक़, परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20,000 रुपये का जुर्माना और हिंसा करने पर 30,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है. हिंसा के दोषी पाए जाने पर ऐडमिशन भी रद्द किया जा सकता है.

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प्रशासन ने दस पन्नों का एक सर्कुलर जारी किया है: 'अनुशासन और उचित आचरण के नियम'. ये सर्कुलर 3 फरवरी से प्रभावी हो गया है. इसमें विरोध प्रदर्शन और जालसाज़ी जैसे 17 अलग-अलग 'अपराधों' के लिए सज़ा तय की गई है. अनुशासन का उल्लंघन करने पर जांच प्रक्रिया का भी ज़िक्र है.

क्या हैं नियम?

# जुआ, यौन शोषण, छेड़खानी, रैगिंग, छात्रावास के कमरों पर अनधिकृत क़ब्जा, अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल और जालसाज़ी जैसे मामलों की सज़ा तय की गई है.

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# शिक्षकों और छात्रों से जुड़े मामलों को विश्वविद्यालय के साथ-साथ केंद्रीय स्तर की शिकायत निवारण समिति को भेजा जाएगा.

# यौन शोषण, छेड़खानी, रैगिंग और सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने वाले मामले चीफ़ प्रॉक्टर के दायरे में आएंगे. अगर कोई मामला कोर्ट में चल रहा है, तो चीफ़ प्रॉक्टर अदालत के आदेश और निर्देश के मुताबिक़ कार्रवाई करेंगे.

# कार्यकारी परिषद ने नए निर्देशों को मंज़ूरी दी है. ये परिषद विश्वविद्यालय का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है. चीफ़ प्रॉक्टर रजनीश मिश्रा ने न्यूज़ एजेंसी PTI से  बातचीत में बताया कि नए नियम सुरक्षा संबंधी जांच के बाद तैयार किए गए हैं. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि ये पूछताछ शुरू कब और क्यों हुई.

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बीती 24 जनवरी की रात यूनिवर्सिटी में BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री स्क्रीन की गई थी. इसमें लेफ़्ट संगठनों से जुड़े छात्रों पर आरोप लगे थे कि उन्होंने 'प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री' की सार्वजनिक स्क्रीनिंग करवाई. हालांकि, टेक्निकली डॉक्यूमेंट्री बैन नहीं थी. डॉक्यूमेंट्री से जुड़े लिंक्स पर रोक लगाई गई थी. स्क्रीनिंग के दौरान प्रशासन ने कथित तौर पर कैंपस की बत्ती काट दी. लेफ़्ट के छात्रों ने कहा कि बत्तीगुल के दौरान उन पर पत्थर चले. आरोप लगाए ABVP के छात्रों पर. गेट पर जमकर प्रदर्शन किया. वसंत कुंज थान में शिकायत दर्ज करवाई. कहा जा रहा है कि इसी भसड़ के बाद इन नियमों का मसौदा तैयार किया गया है.

ABVP के सचिव विकास पटेल ने नए नियमों को 'तुगलकी फरमान' कहा. इस मामले में PTI ने JNU की कुलपति शांतिश्री डी पंडित से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की.

वीडियो: JNU में BBC डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पत्थरबाजी, पहले बिजली काटी गई थी

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