झारखंड विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन (Champai Soren) ने अपने संबोधन के शुरू में कहा - ‘हेमंत है, तो हिम्मत है!’ और, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड पर चल रहे पूर्व-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सीधे राजभवन पर अपनी गिरफ़्तारी के आरोप लगा दिए.
'मेरी गिरफ़्तारी में राजभवन भी शामिल', विश्वास प्रस्ताव के दौरान बोले पूर्व-CM हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन को CM चंपाई सोरेन के नेतृत्व वाले फ्लोर टेस्ट में भाग लेने की अनुमति मिली थी.

हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी के बाद 2 फरवरी को राज्य के परिवहन मंत्री और हेमंत के पिता शिबू सोरेन के क़रीबी चम्पाई सोरेन ने मुख्यमंत्री की शपथ ले ली. क़ायदे से उन्हें सदन में अपनी सरकार की बहुमत साबित करनी थी. सो 5 फ़रवरी का दिन मुक़र्रर हुआ. कोर्ट ने हेमंत सोरेन को भी चम्पाई सोरेन के नेतृत्व वाले फ्लोर टेस्ट में भाग लेने की अनुमति दे दी.
सदन पहुंचने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों ने हेमंत सोरेन का ज़ोरदार स्वागत किया. क़रीब पांच मिनट तक तो नारे ही लगाते रहे – ‘हेमंत सोरेन ज़िंदाबाद!’ ‘हमारा नेता कैसा हो, हेमंत सोरेन जैसा हो!’.
अपने भाषण की शुरूआत उन्होंने ऐसे की -
“मैं आंसू नहीं बहाऊंगा. आंसू वक़्त के लिए रखूंगा. आप लोगों के लिए आंसू का कोई मतलब नहीं..”
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ED का दावा है कि वो प्रदेश में भू-माफ़िया के एक बड़े रैकेट की जांच कर रही है. इसमें CM सोरेन का भी नाम आया. ईडी ने उन्हें दस समन भेजे, जिसमें से आठ उन्होंने टाल दिए. जब अधिकारी उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे, तो वो कथित तौर पर ‘ग़ायब’ हो गए. बाद में हेमंत सोरेन ने CM पद से इस्तीफ़ा दे दिया और 31 जनवरी को ED ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था.
अपनी गिरफ़्तारी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने राजभवन को भी लपेट लिया. कहा,
“ये अंधेरी रात देश के लोकतंत्र में गहराई तक समाई हुई है. 31 जनवरी को देश के एक CM को गिरफ़्तार कर लिया गया था, और इस घटना में कहीं न कहीं राजभवन की भी भूमिका थी.”
सोरेन का कहना है कि अगर बीजेपी उन्हें 8 एकड़ वाली ज़मीन के स्वामित्व का कोई दस्तावेज़ दिखा दे, तो वो राजनीति छोड़ देंगे. यहां तक कह दिया कि राजनीति क्या, झारखंड छोड़ देंगे. ये भी आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि झारखंड में कोई आदिवासी मुख्यमंत्री अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करे.