झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार, 3 जुलाई को पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. इसी फ़रवरी के पहले हफ़्ते में उन्होंने ये पद संभाला था, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के पूर्व-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ़्तार कर लिया था. अब हेमंत सोरेन को बेल मिल गई है. वो बाहर आ गए हैं और तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
चंपई सोरेन ने झारखंड के CM पद से इस्तीफा दिया, हेमंत सोरेन के बनने का इंतजार है!
जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के पूर्व-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ़्तार कर लिया था, तब चंपई सोरेन को पदभार मिला था. अब हेमंत सोरेन बेल पर बाहर आ गए हैं.

बुधवार, 3 जुलाई को सूत्रों के हवाले से रपटें छपीं कि चंपई सोरेन के रांची आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के बीच एक मीटिंग हुई. बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर थे. इनके अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी मौजूद थीं. इसमें ये सहमति बनी कि हेमंत सोरेन को वापस मुख्यमंत्री बन जाना चाहिए.
इस्तीफ़े के बाद चंपई सोरेन ने न्यूज़ एजेंसी ANI से कहा,
कुछ दिन पहले मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया था और मुझे राज्य की ज़िम्मेदारी दी गई थी. हेमंत सोरेन के वापस आने के बाद हमारे गठबंधन ने ये फ़ैसला लिया है कि हेमंत सोरेन ही हमारे नेता होंगे. इसीलिए मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.
शपथ लेने के बाद हेमंत झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री बन जाएंगे. क़रीब पांच महीने जेल में काटने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें ज़मानत दे दी थी और बीती 28 जून को उन्हें रिहा कर दिया गया था.
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इस बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने X पर लिखा,
"झारखंड में चंपई सोरेन का दौर ख़त्म हो गया है. परिवारवादी पार्टी में परिवार से बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है. मेरा कहना है कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लें और भ्रष्ट हेमंत सोरेन जी के ख़िलाफ़ खड़े हों."
झारखंड मंत्रिमंडल में फिलहाल 12 पदों के मुक़ाबले 10 ही सदस्य हैं. दरअसल, हेमंत सोरेन के साथ ED ने ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को भी एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ़्तार कर लिया था. तब उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.
लोकसभा चुनाव और गत राजनीतिक उठापटक के बाद राज्य में दोनों पार्टियों की ताक़त घटी है. 81 सदस्यों वाली विधानसभा में भी अभी 76 ही सदस्य हैं, क्योंकि झामुमो के दो विधायक - नलिन सोरेन और जोबा माझी - अब सांसद हैं. फिर पार्टी ने दो और विधायकों - बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा और बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रोम - को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है.
इसी तरह विधानसभा में भाजपा की ताक़त भी घटी है, क्योंकि उनके भी दो विधायक - ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) - लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और अब सांसद हैं. भाजपा ने भी एक विधायक को निष्कासित कर दिया है. मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को. हालांकि, पटेल ने भी अभी तक विधानसभा से इस्तीफ़ा नहीं दिया है.
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