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हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई की विधायकी पर लटकी तलवार, EC ने राज्यपाल को भेजी सिफारिश

राज्यपाल ने बीजेपी की शिकायत पर चुनाव आयोग से राय मांगी थी.

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बसंत सोरेन और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो: ट्विटर और आजतक)

चुनाव आयोग ने झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के भाई बसंत सोरेन की विधायकी रद्द करने की मांग से जुड़े केस में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को अपनी राय भेज दी है. अब राज्यपाल को चुनाव आयोग की राय पर फैसला लेना है. बसंत सोरेन दुमका से विधायक हैं. सीएम हेमंत सोरेन के बाद उनके भाई बसंत सोरेन की विधायकी का मामला भी राजभवन पहुंचा है.

राज्यपाल ने चुनाव आयोग की राय मांगी थी 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने इस मामले में 29 अगस्त को सुनवाई की थी. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि झारखंड के राज्यपाल (Jharkhand Governor) रमेश बैस को शुक्रवार, 9 सितंबर की शाम इस मामले पर चुनाव आयोग ने अपनी राय भेज दी है. राज्यपाल ने बीजेपी की शिकायत पर चुनाव आयोग से राय मांगी थी.

बीजेपी ने राज्यपाल से शिकायत की थी

आजतक के सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने आरोप लगाया था कि बसंत सोरेन चंद्र स्टोन वर्क्स में पार्टनर हैं. ग्रैंड माइनिंग कंपनी में भी साझेदार हैं. बीजेपी का आरोप है कि चुनाव के समय दिए गए अपने शपथ पत्र में बसंत सोरेन ने खनिज लीज लेने से जुड़े तथ्य छिपाए. इस बाबत बीजेपी ने राज्यपाल से शिकायत की थी. बीजेपी की ओर से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के सेक्शन 9A के तहत बसंत सोरेन को राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. 

हेमंत सोरेन पर भी आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल के पास

इससे पहले खनन पट्टे के मामले में चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच के बाद अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी थी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक पद के लिए अयोग्य ठहराया गया है. मतलब उनकी विधायकी रद्द करने की सिफारिश की है. अब हेमंत सोरेन को लेकर राज्यपाल को फैसला लेना है. 

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