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शाबाश नीरज...74 सालों में पहली बार ओलंपिक्स में आया ऐसा सोना!

नीरज ने कमाल ही नहीं किया है, इतिहास रच दिया है.

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नीरज चोपड़ा भारत के टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट. फोटो: AP
टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में भारत ने इतिहास रच दिया है. 13 साल बाद एक बार फिर से भारत में ओलंपिक्स का गोल्ड मेडल आ गया है. 13 सालों के लंबे इंतज़ार के बाद इसे लेकर आए हैं भारत के सुपर जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा. ओलंपिक्स खेलों के इतिहास में पहली बार भारत का कोई खिलाड़ी एथलेटिक्स में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुआ है. नीरज से पहले 2008 बीजिंग ओलंपिक्स में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाज़ी में गोल्ड मेडल जीता था. इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा भारत ने सिर्फ मेन्स हॉकी में आठ गोल्ड मेडल जीते हैं. लेकिन टोक्यो खत्म होते होते नीरज का गोल्ड भारतीयों के लिए एक गर्व का पल है. क्योंकि आज़ादी के बाद 74 सालों के भारत के ओलंपिक्स के इतिहास में पहली बार कोई एथलीट गोल्ड मेडल जीता है. मैच में क्या हुआ? जैवलिन थ्रो फाइन्लस के सबसे बड़े नायक नीरज चोपड़ा ने मैच में दूसरे प्रयास में ही बेस्ट थ्रो 87.58m का कर किया. जिसने उन्हें ये मुकाबला जिता दिया. अपने क्वालीफाइंग राउंड की तरह ही चोपड़ा ने फाइनल में पहली थ्रो से ही बढ़त बना ली. 12 खिलाड़ियों के फाइनल में चोपड़ा थ्रो करने वाले दूसरे खिलाड़ी थे. उन्होंने शुरुआत में ही 87.03m की थ्रो के साथ बेहतरीन शुरुआत की. इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने इससे भी बेहतरीन 87.58m की थ्रो करके मुकाबले में बढ़त ले ली. इसके बाद तीसरे प्रयास में 76.79m की थ्रो के साथ उनका थ्रो थोड़ा सा चूका लेकिन इससे उन्हें ज़्यादा पेरशानी नहीं हुई. नीरज के अलावा चेक रिपब्लिक के जेकब 86.67m की थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे. जबकि चेक रिपब्लिक के ही वेसले 85.44m की थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर आए. इस मुकाबले के फेवरेट्स में शुमार और गोल्ड के सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे जोहान्स वेटर फाइनल राउंड में भी नहीं पहुंच पाए. उन्होंने नौवें स्थान पर रहते हुए अपना कैम्पेन खत्म किया. इस मुकाबले से पहले बुधवार को क्वालीफिकेशन राउंड में नीरज चोपड़ा ने 86.65m की थ्रो के साथ फाइनल्स के लिए क्वालीफाई करके इतिहास रचा था. वो जैवलीन थ्रो के फाइनल्स में पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं. टोक्यो में ओलंपिक्स का भारतीय रिकॉर्ड: टोक्यो ओलंपिक्स में सात अगस्त के दिन नीरज चोपड़ा से पहले बजरंग पूनिया ने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था. इन दोनों की जीत के साथ टोक्यो में भारत के कुल सात मेडल हो गए हैं. जो कि ओलंपिक्स के इतिहास में किसी भी एक ओलंपिक में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इससे पहले भारत ने लंदन ओलंपिक्स में छह मेडल जीते थे. ये रही टोक्यो की लिस्ट: जैवलीन थ्रो: नीरज चोपड़ा, गोल्ड वेटलिफ्टिंग: मीराबाई चानू, सिल्वर कुश्ती: रवि कुमार दहिया, सिल्वर बॉक्सिंग: लवलीना बोरगोहेन, ब्रॉन्ज़ बैडमिंटन: पीवी सिंधू, ब्रॉन्ज़ कुश्ती: बजरंग पूनिया, ब्रॉन्ज़ हॉकी: पुरुष हॉकी टीम, ब्रॉन्ज़