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Anantnag में एक और जवान शहीद, दूसरा घायल, आतंकियों से चल रही है मुठभेड़

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले से फिर बुरी खबर है. कोकेरनाग इलाके में आतंकियों और सेना के जवानों के बीच जारी मुठभेड़ में दो और जवानों के घायल होने की जानकारी सामने आई है.

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आतंकियों के जंगली इलाके में छिपे होने से मुठभेड़ लंबी खिंच रही है. (प्रतीकात्मक फोटो- PTI)

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag Encounter ) जिले से एक और बुरी खबर आ रही है. कोकेरनाग इलाके में आतंकियों और सेना के जवानों के बीच जारी मुठभेड़ में एक और जवान शहीद हो गया है, जबकि एक जवान घायल है. सेना की तरफ से पहले कहा गया था कि 15 सितंबर तक आतंकियों को ख़त्म कर दिया जाएगा. सेना को पता चला था कि आतंकी जंगल के इलाके में गांवों के ऊपरी हिस्से में छिपे हुए हैं. जिनसे मुठभेड़ अभी भी जारी है. 

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इससे पहले, कोकेरनाग के घने जंगल और पहाड़ी वाले इलाके में कुछ आतंकियों के होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 12 सितंबर की देर रात को सेना के जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. कल खबर आई थी कि आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के दो और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी शहीद हो गए हैं. 

पूरी खबर यहां पढ़ें: कश्मीर में आतंकियों के हमले में कर्नल, मेजर और DSP शहीद, ये हुआ कैसे?

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जिसके बाद आतंकियों को घेरने के लिए सर्च ऑपरेशन को तेज किया था. सेना की कई टुकड़ियां लगाई गई थीं. लेकिन इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, आज मुठभेड़ में सेना के दो और जवान घायल हो गए थे. इनमें से एक  का निधन हो गया है. जवान की पहचान के बारे में और जानकारी अभी सामने नहीं आई है. इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी चिनार कॉर्प्स के जनरल कमांडिंग ऑफिसर (GOC) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और विक्टर फोर्स यूनिट के GOC, मेजर जनरल बलबीर सिंह कर रहे हैं. उनका कहना है कि आतंकी बच नहीं पाएंगे.

सेना हर संभव कोशिश कर रही है

आतंकियों से निपटने के लिए हेरोन ड्रोन तैनात किए गए हैं. लंबी दूरी की मिसाइलों और वेपंस से लैस हेरोन मार्क टू ड्रोन लगातार 36 घंटे तक आसमान से निगरानी रख सकता है. कोकेरनाग इलाके में पैरा कमांडो भी तैनात किए गए हैं. घने जंगल के इलाकों में पैरा कमांडो दस्ते को दुश्मन से निपटने के लिए तैनात किया जाता है.

हालांकि, इससे पहले इस पूरे ऑपरेशन को लेकर कल जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह और ADGP कश्मीर विजय कुमार का बयान आया था. उनका कहना था कि आतंकियों को घेर लिया गया है और 15 सितंबर तक उनका खात्मा कर दिया जाएगा.

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आजतक से बातचीत करते हुए DGP दिलबाग सिंह ने कहा था,

"मैं हमारे अफसरों की बहादुरी को सलाम करता हूं. आज भी दोनों तरफ से कुछ गोलीबारी हुई है. हमारे जवानों ने अपनी पोजिशन ली हुई है और फायरिंग भी हो रही है.'

दिलबाग सिंह ने ये भी कहा था कि जिस इलाके में आतंकी छिपे हैं वह दुर्गम है. लेकिन सेना की 10 टुकड़ियों ने आतंकियों को घेर लिया है, इसलिए आतंकी भाग नहीं पाए और वहीं फंस गए.'

वहीं विजय कुमार ने बताया था कि आतंकी पहाड़ों पर ऊपर की तरफ जा रहे हैं. हमने इलाके को खाली कराया है. ताजा फायरिंग के बाद आतंकियों की पोजिशन का भी पता लगा लिया गया है. कल (यानी आज शुक्रवार) तक उनको खत्म कर दिया जाएगा.

सेना से कोई गलती हुई है? 

हालांकि सैन्य मामलों के कुछ एक्सपर्ट्स इस मुठभेड़ को सामरिक त्रुटि भी बता रहे हैं. इस सवाल पर DGP का कहना था,

"टीम के पास विकल्प होता है, वह रिस्क ले या फिर वापस आ जाए. टीम ने यहां रिस्क लिया और बहादुरी दिखाई."

दरअसल, दक्षिणी अनंतनाग का ये इलाका पहाड़ों से घिरा है. चारों तरफ पेड़ और घना जंगल है. यहां छिपे आतंकियों के लिए घात लगातार हमला करना आसान है. लश्कर से जुड़े आतंकी मॉड्यूल द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRS) ने इस पूरे हमले की जिम्मेदारी ली है. बताया जा रहा है कि ये वही मॉड्यूल है जिसने अप्रैल महीने में पुंछ सेक्टर में सेना के 5 जवानों पर हमला किया था. TRS का दावा है कि PoK में मारे गए लश्कर कमांडर की मौत का बदला उन्होंने अनंतनाग में लिया है. खबर के मुताबिक, सेना को उजैर अहमद खान की तलाश है. ये इस मॉड्यूल का सबसे खूंखार आतंकी है. उजैर अहमद खान जुलाई 2022 से फरार है.

वीडियो: कर्नल, मेजर और DSP...बड़ा आतंकी हमला, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 3 शहादत, ऑपरेशन जारी है

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