लोग फोटो को शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि अल्लाह उनके हज को कबूल करे. हज मुसलमानों की तीर्थयात्रा होती है जो जिंदगी में एक बार करना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है, अगर उसके पास इतना पैसा कि उस यात्रा का खर्च उठा सकता है तो.
फेसबुक पर ये फोटो 2015 में भी जमकर शेयर की गई थी. इस फोटो का सच ये है कि जैकी चेन अपनी फिल्म 'कुंग फू योगा' की शूटिंग के लिए दुबई गए थे. हां वही कुंग फू योगा, जिसके प्रमोशन के लिए वो इंडिया भी आए. क्योंकि इस फिल्म में सोनू सूद ने भी एक्टिंग की है. इसी साल रिलीज़ हुई है.
दुबई में फिल्म की शूटिंग के दौरान जैकी चेन ऊंटों की दौड़ भी देखने गए थे. 'अल-नमूस न्यूज़' ने इंस्टाग्राम पर इस फोटो को शेयर किया था. उसके बाद ये फोटो इंटरनेट पर आई. सोशल मीडिया के 'परजीवी' इस फोटो को ले उड़े. लोगों को गुमराह करने के लिए. अब कहा जा रहा है कि 'माशाल्लाह जैकी चेन हज करने गए हैं.'
अगर आपको अब भी यकीन नहीं आ रहा है तो चलिए सबूत भी दे देते हैं.
पहला सबूत है इंस्टाग्राम पर अपलोड की गई ये फोटो. दिन तारीख देख लीजिए कब पोस्ट की गई.
दूसरा सबूत जो ड्रेस जैकी चेन ने पहन रखी है, उसे अरब में 'कंदोरा' कहा जाता है. यानी गले से लेकर पैरों तक चोला टाइप लिबास जो बॉडी फिट होता है. और सिरपर लटकता हुआ कपड़ा. ये सऊदी अरब का पारंपरिक लिबास है. ठीक से एक्सप्लेन नहीं कर पर रहा हूं, कंदोरा की फ़ोटो देख लो.

सऊदी अरब का पारंपरिक लिबास है 'कंदोरा', जो कई रंग में होता है.
अब इन कपड़ों को देखो, जो एक आदमी बच्चे को पहना रहा है. ये वो कपड़े हैं जो हज के दौरान पहने जाते हैं. इन्हें एहराम कहा जाता है. इस ड्रेस में मर्दों का सिर खुला होता है. ढका हुआ नहीं. साथ ही इस लिबास में सिर्फ दो चादरें होती हैं, जो जिस्म से लिपटी होती हैं. कंदोरा की तरह फैशनेबल नहीं, कि रंग-बिरंगे पहन लिए. हज का लिबास सिर्फ सफेद रंग का होता है और कोई रंग नही हो सकता है. रंग की छूट औरतों के लिए होती है. जैकी चेन जो लिबास पहने हैं वो चादरें नहीं, बल्कि सिले हुए कपड़े हैं और सिर पर काली पगड़ी भी है.

हज करने से पहले मक्का में हाजी दो चादरों वाला लिबास यानी एहराम बांधते हैं. (Photo : Reuters)
तीसरा सबूत हज सऊदी अरब के शहर मक्का में होता है. जब हवाई जहाज़ से लोग सऊदी अरब के जद्दा एअरपोर्ट पहुंचते हैं तो जद्दा से मक्का ट्रेन या फिर बस से जाते हैं. और उस तरफ जाते हुए सड़कों पर साइन बोर्ड लगे होते हैं, जिनपर लिखा होता है 'गैर मुस्लिम का मक्का में प्रवेश प्रतिबंधित है.' यानी हज पर सिर्फ मुसलमान ही जा सकते हैं. कोई और मज़हब के लोग नहीं. तो ये कैसे मान लें कि जैकी चेन हज करने गए हैं.

सऊदी अरब के दो शहर मक्का और मदीना में सिर्फ मुस्लिमों को ही जाने की इजाज़त है.
वायरल हो रही जैकी चेन की इस तस्वीर की तरफ हमारा ध्यान 'द लल्लनटॉप' के रीडर इरफ़ान खान ने दिलाया है. उनका हम शुक्रिया अदा करते हैं, कि उन्होंने परोसे जा रहे झूठ का पर्दाफाश करने में सहयोग किया. और हमें ईमेल ( lallantopmail@gmail.com ) से जानकारी दी. आप भी इस तरह हमारी मदद कर सकते हैं. अगर कुछ अफवाह फैलाई जा रही है तो उस बारे में बताकर.
इरफ़ान का कहना है,
'जैकी चेन के इस फोटो को दी गई टैग लाइन को पढ़िए, और इस पर आए लाइक्स, कमेंट्स और शेयर की तादाद से अंदाजा लगा लीजिए कि सोशल मीडिया पर कितनी बड़ी तादाद में 'डिजिटल नाबालिग' मौजूद हैं, ज़रा सोचिए कि अगर सोशल मीडिया पर किसी भी सार्थक पोस्ट पर ये भीड़ टूट पड़े या उसे ट्रोल करने लगे तो क्या हाल हो, करें ये नासमझ लोग. और बदनाम पूरी क़ौम हो.'पाठ पढ़ाने के बाद स्कूल में मास्टर साहब का वो डायलॉग याद आ रहा है कि जब वो पूछा करते थे, 'बच्चों इस पाठ से हमें क्या सबक मिलता है.' तो सबक ये मिलता है कि कोई भी बात, तस्वीर या खबर शेयर करते वक़्त, पहले उसकी सत्यता जांच लेनी चाहिए. इससे फायदा ये होगा लोगों तक झूठ, सच बनकर नहीं पहुंच सकेगा. ये देशहित में उठाया गया कदम होगा. दूसरा सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि ऐसी बिना सिर-पैर की पोस्ट शेयर करने वाला अपने आप को लोगों के सामने मूर्ख साबित करने से बचा लेगा.
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