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हमास के सामने सरेंडर करेगा इजरायल? नेतन्याहू ने दिया बड़ा मेसेज, अमेरिका ने बनाया प्लान!

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि वे युद्धविराम के लिए तैयार नहीं होंगे. उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा कि इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम का मतलब है इजरायल को हमास के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए बोलना, जो कभी नहीं होगा.

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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 30 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में युद्धविराम के लिए साफ मना किया है. (फोटो क्रेडिट - एपी)

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि उनका देश युद्धविराम (Benjamin Netanyahu Israel-Hamas Ceasefire) के लिए राजी नहीं होगा. उनका मानना है कि इजरायल और गाजा के बीच युद्धविराम का मतलब हमास के सामने इजरायल को आत्मसमर्पण करने के लिए बोलना है.

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एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा,

"मैं युद्धविराम के बारे में इजरायल का रुख साफ करना चाहता हूं. जैसे पर्ल हॉर्बर पर बमबारी या 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका युद्धविराम के लिए राजी नहीं होता, 7 अक्टूबर के भयानक हमलों के बाद इजरायल हमास के साथ युद्धविराम के लिए राजी नहीं होगा."

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युद्धविराम को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू आगे बोले,

"युद्धविराम के लिए बोलने का मतलब है, इजरायल को हमास के, आतंकवाद के, बर्बरता के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए बोलना. ये कभी नहीं होगा. बाइबल कहती है कि शांति का समय होता है और युद्ध का भी. ये युद्ध का समय है. हमारे साझा भविष्य के लिए युद्ध."

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नेतन्याहू ने हमास को बर्बर बताया. उन्होंने कहा,

"7 अक्टूबर को हमास के हमले हमें याद दिलाते हैं कि जब तक हम यानी सभ्य दुनिया बर्बर लोगों से लड़ने के लिए तैयार नहीं होगी, हम बेहतर भविष्य की ओर नहीं बढ़ पाएंगे. ये साफ है कि बर्बर लोग हमसे लड़ने के लिए तैयार हैं."

इजरायल के प्रधानमंत्री ने अपनी जीत का दावा किया. वे बोले,

“ये एक निर्णायक मोड़ है. दुनिया के नेताओं और देशों के लिए फैसला लेने का समय है. अब हम सभी के लिए ये फैसला लेने का समय आ गया है कि हम आशा और वादे के भविष्य के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं या अत्याचार और आतंक के सामने घुटने टेकने के लिए? आप निश्चिंत रहें, इजरायल इससे लड़ेगा. इजरायल 7 अक्टूबर से जंग लड़ रहा है, जिसकी शुरुआत इजरायल ने नहीं की थी. लेकिन इस युद्ध में जीत इजरायल की होगी.”

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नेतन्याहू ने हमास के हमलों को नाजी जर्मनी में यहूदियों के नरसंहार (होलोकॉस्ट) के बाद देखी गई सबसे वीभत्स बर्बता बताया. उन्होंने कहा,

"नरसंहार के बाद से हमारे लोगों पर ये हुई ये सबसे वीभत्स बर्बरता है. हमास ने ऐसा कर ये युद्ध शुरू किया. हमास ने माता-पिता के सामने उनके बच्चों को मार डाला. बच्चों के सामने उनके माता-पिता की हत्या की. उन्होंने लोगों को जिंदा जला दिया. महिलाओं का बलात्कार किया. पुरुषों के सिर काट डाले. उन्होंने नरसंहार से बचे लोगों पर अत्याचार किया. बच्चों का अपहरण कर लिया. हमास ने ऐसे अपराध किए, जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती."

इजरायल के प्रधानमंत्री ने हमास पर फिलिस्तीनी लोगों को ‘मानव ढाल’ की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. वे बोले,

"जब तक हमास फिलिस्तीनी लोगों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है तब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय इजरायल को दोषी ठहराता रहेगा. हमास इसे आतंक के हथियार की तरह इस्तेमाल करता रहेगा. हमास अस्पतालों और मस्जिदों को अपने सैन्य ठिकाने की तरह इस्तेमाल करेगा. वो संयुक्त राष्ट्र(UN) की सुविधाओं से ईंधन और मानवीय सहायता चोरी करता रहेगा. इजरायल फिलिस्तीनी नागरिकों को युद्ध से बचाने के लिए सबकुछ कर रहा है. लेकिन हमास उन्हें युद्ध के रास्ते में बनाए रखने के लिए काम कर रहा है."

अमेरिका ने भी इजरायल के प्रधानमंत्री का साथ दिया है. द गार्जियन की लाइव रिपोर्ट के अनुसार, वॉइट हाउस की राष्ट्र्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किरबी ने कहा है कि अमेरिका नहीं मानता, इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम अभी ठीक होगा. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि अभी युद्धविराम होने से केवल हमास को फायदा होगा.

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दूसरी तरफ, फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए UN की राहत एजेंसी के प्रमुख फिलिप लेज़ारिनी ने गाजा में विनाश के स्तर को बहुत खतरनाक बताया. उन्होंने कहा कि ये पहले कभी नहीं हुआ. हमारी निगरानी में हो रही मानवीय त्रासदी असहनीय है. फिलिप लेज़ारिनी ने गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा कि गाजा में पिछले 3 हफ्तों में 3,200 बच्चों की मौत हुई है.

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