ईरान पर अमेरिकी हमले (US Attacks Iran) के जवाब में ईरान ने इजरायल पर फिर से मिसाइल हमला किया है. ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा है कि उन्होंने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ के तहत 20वीं बार इजरायल पर मिसाइल दागी हैं. IRGC ने ये भी दावा किया है कि इस बार उन्होंने खैबर शेकन (Kheibar Shekan) नाम की बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया है.
ईरान ने इजरायल पर दागी 'खैबर शेकन' मिसाइल, आयरन डोम को चकमा देने की ताकत है इसमें
Israel के एयर डिफेंस सिस्टम Iron Dome की बड़ी चर्चा होती है. माना जाता है कि ये दुनिया के सबसे मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम्स में से एक है. लेकिन Kheibar Shekan में इस सिस्टम को भी भेदने की क्षमता है.

ये मिसाइल बेन गुरियन हवाई अड्डे और इजरायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर दागे गए थे. इस मिसाइल की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि इसे ईरान की सैन्य ताकत का प्रतीक माना जाता है. खैबर शेकन में दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की खासियत है.
खैबर शेकन की खास बातेंइस आधुनिक और शक्तिशाली बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 1,450 किलोमीटर तक है. इसका मतलब है कि ये आसानी से ईरान से इजरायल तक पहुंच सकती है. इसके अलावा खैबर शेकन की एक खासियत ये भी है कि ये 1,500 किलोग्राम तक के वॉरहेड ले जा सकती है.
इस मिसाइल का निशाना सटीक होता है. क्योंकि ये सैटेलाइट नेविगेशन और कंट्रोल फिन्स से लैस होता है. इसी कारण से ये दुश्मन देश के एयर डिफेंस को आसानी चकमा दे देता है.
खैबर शेकन को लॉन्च करने में लगने वाला समय भी बहुत कम होता है. क्योंकि इसमें लिक्विड फ्यूल की जगह सॉलिड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है.
आयरन डोम को चकमा देने की ताकतईजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम की बड़ी चर्चा होती है. माना जाता है कि ये दुनिया के सबसे मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम्स में से एक है. लेकिन खैबर शैकन में इस सिस्टम को भी भेदने की क्षमता है. ये मिसाइल हवा में उड़ते समय बहुत तेजी से अपनी दिशा बदल लेता है. इसके लिए इसमें ‘मैन्यूवरेबल री-एंट्री व्हीकल' (MaRV) नाम की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
खैबर शेकन में क्लस्टर वॉरहेड्स यानी छोटे-छोटे विस्फोटक होते हैं, जो एक साथ बड़े क्षेत्र में तबाही मचा सकते हैं.
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कहां-कहां हमला हुआ?ईरान ने इजरायल के दूसरे सबसे बड़े शहर तेल अवीव के पास स्थित गुरियन हवाई अड्डे को निशाना बनाया. साथ ही इजरायल के कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर, लॉजिस्टिक्स बेस और एक जैविक अनुसंधान केंद्र पर हमला हुआ. रिपोर्ट है कि इन मिसाइलों के निशाने पर तेल अवीव और हाइफा जैसे शहर के रिहायशी क्षेत्र भी थे. इन इलाकों में कई इमरतों को नुकसान पहुंचा है.
IRGC ने दावा किया है कि उन्होंने नई तरह की वॉर स्ट्रेटजी का इस्तेमाल किया है. इसी के कारण वो आयरन डोम को चकमा देकर इजरायल के भीतर विस्फोट कर पाए.
इससे पहले अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइटों पर हमला किया. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा कि हमलों में ये साइट्स धवस्त कर दिए गए. जबकि ईरान ने कहा है कि उतना नुकसान नहीं हुआ है जितने का ट्रंप दावा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर सुविधाओं वाले क्षेत्रों में रेडिएशन नहीं हुआ है. वहां का आम जीवन सुचारू रूप से जारी है. ईरान ने ये भी कहा है कि इन हमलों के बावजूद वो अपना न्यूक्लियर प्रोग्राम बंद नहीं करेगा.
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