उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर (Rampur) से एक फेक एनकाउंटर (Fake Encounter) का मामला सामने आ रहा है. DIG की जांच में IPS शगुन गौतम समेत 11 पुलिसकर्मी एक शराब व्यापारी के फर्जी एनकाउंटर और वसूली के खेल में दोषी पाए गए हैं. इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारवाई होने की भी खबर है.
यूपी से बड़ा खुलासा, पुलिस कप्तान ने 11 लोगों के साथ मिलकर 2021 में किया था फर्जी एनकाउंटर!
व्यापारी जेल से आया, सीसीटीवी और कॉल रिकार्डिंग दिखाई, बात CM योगी तक गई!

मामला 6 अप्रैल 2021 का है. रामपुर में मिलक थाना क्षेत्र की पुलिस ने दावा किया कि 32 लाख रुपये की शराब तस्करी में शामिल आरोपियों को पकड़ने के दौरान मुठभेड़ में 3 लोग घायल हुए. घायल हुए लोगों में रामपुर का व्यापारी संजीव गुप्ता भी था. पुलिस का दावा था कि बरामद शराब संजीव गुप्ता की ही थी. शराब तस्करी और पुलिस से मुठभेड़ के आरोप में गिरफ्तार संजीव गुप्ता को रामपुर पुलिस ने जेल भेज दिया. उस समय रामपुर के SP रहे शगुन गौतम की अगुवाई में रामपुर के SOG (Special Operation Group) ने खूब वाहवाही लूटी.
व्यापारी ने जेल से छूटकर बताया सचसंजीव गुप्ता कई महीने बाद जेल से छूटे तो उन्होंने पुलिस के इस एनकाउंटर को लेकर शिकायत करना शुरू किया. अफसरों को सीसीटीवी से लेकर कॉल रिकॉर्डिंग तक सुनाई गई. मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में गया तो जांच मुरादाबाद के डीआईजी शलभ माथुर को सौंपी गई.
अपनी जांच में डीआईजी ने सबसे पहले व्यापारी संजीव गुप्ता से पूछताछ की. संजीव गुप्ता ने उन्हें अपने घर पर लगे सीसीटीवी कैमरा की फुटेज सौंपी. ये फुटेज 4 अप्रैल 2021 की रात 11:30 बजे की थी जिसमें एसओजी की टीम संजीव गुप्ता को घर से ले जाते हुए दिखाई दे रही है. इसके बाद संजीव गुप्ता ने एसपी रामपुर शगुन गौतम के साथ हुई अपनी बेटी की बातचीत की रिकॉर्डिंग दी. इसमें उनकी बेटी एसपी के पर्सनल नंबर पर कॉल कर बता रही है कि पुलिस उसके पिता को आधी रात में बिना कुछ बताए उठा ले गई है.
संजीव गुप्ता ने IPS शगुन गौतम पर आरोप लगाते हुए बताया-
“घर से उठाने के बाद मुझे SP साहब के पास ले जाया गया और वहां मुझसे 10 लाख रुपये मांगे गए. परिवार से पैसे लेकर मैंने पुलिस को दे भी दिए. फिर भी अगले दिन मुझे आबकारी अधिनियम और पुलिस मुठभेड़ के फर्जी मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.”
व्यापारी संजीव गुप्ता का बयान दर्ज कराने के बाद डीआईजी शलभ माथुर ने उन पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए जो इस पूरी मुठभेड़ में शामिल थे.
DIG मुरादाबाद शलभ माथुर ने इस मुठभेड़ की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. खबर है कि सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश कर दी गई है. जल्द शासन इस पर फैसला लेगा. जांच रिपोर्ट में रामपुर के आबकारी इंस्पेक्टर की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. इसके लिए आबकारी आयुक्त को कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है.
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