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क्यूट चार्ज से लेकर सर्विस फीस तक, फ्लाइट से यात्रा करने पर लगता है अजब-गजब सरचार्ज, मालूम है क्यों?

Indigo Airlines ने एक यात्री से 'क्यूट' चार्ज (Cute Charge) के नाम पर 50 रुपये वसूल लिए. इस चार्ज से भड़के यात्री ने इंडिगो से एक्स पर एक के बाद एक कई सवाल दाग दिए.

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इंडिगो ने एक्स पर 'क्यूट फीस' का मतलब बताया है (फोटो- एएफपी)

आपने कभी फ्लाइट की टिकट बुक की है? अगर की होगी तो आपके टिकट में आपने टिकट के साथ लगने वाले कुछ चार्जेस के बारे में पढ़ा या सुना होगा. इन एक्सट्रा चार्जेस में एक 'क्यूट' चार्ज भी लगता है. नाम से लगता है कि अगर आप क्यूट हैं तो ये चार्ज आपके टिकट में जुड़ेगा. यही कहते हुए एक यात्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इंडिगो एयरलाइंस से एक के बाद एक कई सवाल पूछे. इंडिगो ने इसका जवाब भी दिया और क्लियर किया कि आखिर ये क्यूट चार्ज है क्या.

सोशल मीडिया पर सवाल

इंडिगो की फ्लाइट से सफर करने वाले एक एक्स यूजर श्रेयांश सिंह ने अपने एयरलाइन टिकट का स्क्रीनशॉट शेयर किया. टिकट के स्क्रीनशॉट में दिख रहा है कि उनसे बाकी चार्जेस के अलावा 50 रुपये 'क्यूट चार्ज' के तौर पर वसूले गए हैं. स्क्रीनशॉट के साथ यूजर ने लिखा

"डियर IndiGo6E, यह 'क्यूट फीस' क्या है? क्या आप क्यूट होने के लिए यूज़र्स से पैसे लेते हैं? या आप ये पैसे इसलिए लेते हैं क्योंकि आपको लगता है कि आपके विमान क्यूट हैं?"

इंडिगो का जवाब

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्रेयांश सिंह के सवालों के जवाब में इंडिगो एयरलाइन्स ने काफी कुछ लिखा है. इंडिगो ने साफ किया कि 'क्यूट चार्ज' का मतलब यात्री या विमान के क्यूट होने पर लगने वाला कोई चार्ज नहीं है. 'क्यूट' का मतलब 'कॉमन यूजर टर्मिनल एक्विपमेंट' चार्ज है. इंडिगो ने रिप्लाई में लिखा कि ये चार्ज वो अमाउंट है जो एयरपोर्ट पर इस्तेमाल की जा रही मेटल डिटेक्टिंग मशीनों, एस्केलेटर और बाकी इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों के लिए वसूला जाता है. यूजर डेवलपमेंट फीस पर इंडिगो ने बताया कि ये वो फीस है जो एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे के विकास और मेंटेनेंस के लिए ली जाती है. साथ ही एविएशन सिक्योरिटी फीस भारत में एयरपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा, कस्टमर्स से बुकिंग के संबंध में लिया जाने वाला चार्ज है.

इंडिगो ने तो बता दिया कि 'क्यूट चार्ज' क्या है. पर पोस्ट में दिख रहे स्क्रीनशॉट में कई और तरह के चार्जेस का भी जिक्र है. एक-एक करके इनके बारे में भी जान लेते हैं 

यूजर डेवलपमेंट फीस

 फ्लाइट ट्रेवल के दौरान लगने वाला ये सबसे कॉमन चार्ज है. एयरपोर्ट्स के रखरखाव और उनके मॉडर्नाइज़ेशन के लिए यूजर डेवलपमेंट फीस ली जाती है. जैसा कि इसके नाम से ज़ाहिर है, यूजर के डेवलपमेंट के लिए ये फीस ली जाती है. माने जो कस्टमर्स या यूज़र्स हैं, उनके एयरपोर्ट एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाया जा सके, इसलिए वसूली जाती है यूजर डेवलपमेंट फीस. अलग-अलग एयरपोर्ट्स के हिसाब से ये फीस अलग-अलग हो सकती है.

पैसेंजर सर्विस फीस

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI), एयरपोर्ट पर दी जाने वाली सुविधाओं और सुरक्षा के लिए यात्रियों से ये फीस वसूलती है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार इस फीस के दो हिस्से होते हैं. सिक्योरिटी कम्पोनेंट जो इस फीस का 65 प्रतिशत होता है. वहीं, फैसिलिटेशन यानी सुविधाओं  के लिए इस फीस का 35 प्रतिशत हिस्सा जाता है.

फ्यूल चार्ज

कई बार ऐसा होता है जब फ्लाइट के ईंधन की कीमतें बहुत ज़्यादा बढ़ जाती हैं. ऐसे में एयरलाइन्स यात्रियों से 'एयरलाइन फ्यूल चार्ज' या 'फ्यूल सरचार्ज' वसूलते हैं.  CNBC की रिपोर्ट कहती है कि अप्रैल 2021 में जब एविएशन फ्यूल की कीमतें ज़्यादा बढ़ गईं थीं, उस समय कई एयरलाइन कम्पनियों ने यात्रियों से 'फ्यूल सरचार्ज' वसूला था.

(ये भी पढ़ें: आइसोलेशन वार्ड तैयार, एयरपोर्ट और बंदरगाह पर अलर्ट, मंकीपॉक्स का देश पर कितना खतरा?)

पैसेंजर सिक्योरिटी फीस

जब भी हम फ्लाइट से ट्रेवल करते हैं, भारत के एयरपोर्ट्स पर हमें सुरक्षाकर्मी दिखते हैं. एयरपोर्ट्स की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी भारत की केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जिम्मे है. ये एक पैरामिलिट्री फ़ोर्स है. और इसी सुरक्षा के लिए यात्रियों से वसूली जाती है पैसेंजर सिक्योरिटी फीस. सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल भारत में यात्रियों से 200 रुपये पैसेंजर सिक्योरिटी फीस के रूप में लिए जाते हैं. 18 प्रतिशत जीएसटी जोड़ने के बाद ये फीस 236 रुपये हो जाते हैं.

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एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ (फोटो- एएफपी)
क्यूट फीस

अब आते हैं क्यूट फीस पर जिसे लेकर लोगों ने इंटरनेट पर तरह-तरह के रिएक्शन दिए हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यात्रियों से CUTE चार्ज वसूलती है. CUTE का मतलब 'कॉमन यूजर टर्मिनल इक्विपमेंट' है. इसमें एयरपोर्ट पर इस्तेमाल किए जाने वाले मेटल डिटेक्टर्स, एस्केलेटर्स और अन्य उपकरणों के लिए चार्ज लिया जाता है. इसे कई बार पैसेंजर हैंडलिंग फीस भी कहा जाता है. अलग-अलग एयरपोर्ट्स पर ये फीस अलग-अलग हो सकती है जो कि 50 से 100 रुपये के बीच होती है.                                 

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