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आइसोलेशन वार्ड तैयार, एयरपोर्ट और बंदरगाह पर अलर्ट, मंकीपॉक्स का देश पर कितना खतरा?

Monkeypox को लेकर अस्पतालों को निर्देश दिया गया है. उनसे इमरजेंसी वार्ड और आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा गया है. एयरपोर्ट्स के लिए भी अलर्ट जारी किया गया है.

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Monkeypox
मंकीपॉक्स से निपटने के लिए अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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मयंक मिश्रा
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20 अगस्त 2024 (Updated: 20 अगस्त 2024, 10:39 AM IST)
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मंकीपॉक्स (Mpox) को लेकर देश में इमरजेंसी वार्ड तैयार किए गए हैं. और एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी किया गया है. सरकार ने अस्पतालों को कई निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने इंडिया टुडे ग्रुप को इस बारे में जानकारी दी है. अस्पतालों से कहा गया है कि जिन मरीजों के शरीर पर दानें हों, उनकी पहचान की जाए और आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जाए. इसके लिए दिल्ली के 3 अस्पतालों की पहचान की गई है- सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, और राम मनोहर लोहिया अस्पताल.

इंडिया टुडे से जुड़े पीयूष मिश्रा की रिपोर्ट के अनुसार, संदिग्ध मरीजों के RT PCR और नाक के स्वाब टेस्ट किए जाएंगे. एयरपोर्ट्स और बंदरगाह को भी आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं से मंकीपॉक्स फैलने का अधिक खतरा है. ऐसे में किसी भी अंतरराष्ट्रीय यात्री को मंकीपॉक्स का लक्षण दिखने पर सतर्क रहें.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि इस बार जो नया स्ट्रेन फैल रहा है, वो पहले वाले स्ट्रेन की तुलना में अधिक खतरनाक है. एक अधिकारी ने कहा है कि जिन्होंने चेचक का टीका लिया है, उनके लिए संक्रमण का खतरा कम है. उनके मुताबिक अभी तक किसी नए टीके की जरूरत नहीं है.

ये भी पढ़ें: अचानक क्यों आने लगे हैं मंकीपॉक्स के मामले? क्या ये बनेगा नया कोविड?

WHO का क्या कहना है?

WHO के मुताबिक, मंकीपॉक्स एक तरह के वायरस से फैलता है, जिसे मंकीपॉक्स वायरस कहते हैं. आमतौर पर इसमें त्वचा पर खुजली, मवाद वाले छाले दिख सकते हैं. साथ ही बुखार, सिर दर्द और कमर दर्द जैसे लक्षण भी हो सकते हैं. जो दो-चार हफ्ते तक रह सकते हैं. हालांकि, आमतौर पर ये इतना खतरनाक नहीं होता. पर कुछ मामलों में जान जाने का खतरा हो सकता है.

india monkey pox
भारत में भी इस वायरस के कई मामले सामने आ चुके हैं | प्रतीकात्मक फोटो

इससे पहले 14 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने फिर से Mpox को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (PHEIC) घोषित किया था. WHO के अनुसार, साल 2022 के बाद से 116 देशों में Mpox के करीब 1 लाख मामले सामने आए हैं. और 500 से अधिक लोगों की मौत भी हुई है. भारत में भी Mpox के 30 मामले मिले हैं. इसके बाद खबर आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंकीपॉक्स के हालात पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉक्टर पीके मिश्रा ने मामले में एक हाई लेवल मीटिंग भी रखी थी, जिसमें Mpox से जुड़ी तैयारियों का जायजा लिया गया था.

वीडियो: मंकीपॉक्स के खिलाफ स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर वैज्ञानिक उतावले क्यों हैं?

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