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अमेरिका डिपोर्ट हुए भारतीयों का मामला पहुंचा मानवाधिकार, खराब व्यवहार की शिकायत

US Deported Indians : सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य और वरिष्ठ वकील वीरेंद्र वशिष्ठ ने NHRC को पत्र लिखकर भारतीय प्रवासियों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार पर चिंता जताई है. इसके साथ ही अमेरिका रह रहे 487 और अवैध भारतीय प्रवासियों को पहचान की गई है. जिन्हें जल्द ही भारत वापस भेज दिया जाएगा.

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अमेरिका रह रहे 487 और अवैध भारतीय प्रवासियों को पहचान की गई है (फोटो: आजतक)

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय प्रवासियों का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) पहुंच गया है (Indians Deported From US). सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य और वरिष्ठ वकील वीरेंद्र वशिष्ठ ने NHRC को पत्र लिखकर भारतीय प्रवासियों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार पर चिंता जताई है. पत्र में उन्होंने लिखा कि विदेश मंत्रालय से आग्रह किया जाए कि वह इस मुद्दे को अमेरिका के सामने उठाए और जवाबदेही तय करे. बता दें कि अमेरिकी सेना का मिलिट्री एयरक्राफ्ट ‘सी-17 ग्लोबमास्टर’ 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर में लैंड हुआ. जिसमें 104 प्रवासी भारतीय थे.

क्या लिखा गया पत्र में?

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, वकील वीरेंद्र वशिष्ठ ने अपने पत्र में लिखा कि हाल ही में अमेरिका से भारत भेजे गए भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर एक अमेरिकी सैन्य विमान से लाया. यह तरीका केवल खतरनाक अपराधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो मौलिक मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. उन्होंने लिखा,

‘निर्वासित भारतीयों को पूरे सफर के दौरान हथकड़ी और बेड़ियों में रखा गया, जैसे वे खतरनाक अपराधी हों. जबकि उनका एकमात्र अपराध अवैध प्रवास था. इस तरह की कठोर प्रक्रिया से लोगों को शारीरिक दर्द, मानसिक आघात और भावनात्मक तनाव बढ़ा. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार नियमों के मुताबिक, गैर-हिंसक व्यक्तियों पर इस प्रकार का बल प्रयोग करना अवैध है. बिना किसी सुरक्षा खतरे के, निर्वासित लोगों को हथकड़ी और बेड़ियों में रखना अपमानजनक, अमानवीय और असंगत था.’ 

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वकील वीरेंद्र वशिष्ठ ने NHRC को लिखा पत्र (फोटो: आजतक)
पत्र में क्या मांग की गई?

पत्र में शिकायत के अलावा कई मांगे भी की गई-

- NHRC इस मामले की जांच करे और प्रभावित लोगों के अनुभवों का दस्तावेजीकरण करे. 

- विदेश मंत्रालय से आग्रह किया जाए कि वह इस मुद्दे को अमेरिका के सामने उठाए और जवाबदेही तय करे. 

- भारत लौटे लोगों को उचित चिकित्सा और मानसिक सहायता दी जाए. 

- मानवाधिकार संगठनों के सामने इस मुद्दे को उठाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों. 

वकील वीरेंद्र ने कहा कि निर्वासित भारतीयों लोगों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर रखना स्वीकार्य नहीं है और इसकी कड़ी निंदा होनी चाहिए. 

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‘487’ प्रवासियों को भारत भेजने की तैयारी

इन सबके बीच अमेरिका रह रहे 487 और अवैध भारतीय प्रवासियों को पहचान की गई है. जिन्हें जल्द ही भारत वापस भेज दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों ने इन अवैध प्रवासियों की पहचान कर ली है. एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि विदेश मंत्री (EAM) ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा शेयर किए गए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) की जानकारी दी है. 

उन्होंने कहा कि हमने अमेरिकी प्रशासन को स्पष्ट कर दिया है कि निर्वासित भारतीयों के साथ कोई भी अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार की जानकारी हमें मिलती है, तो हम इसे तुरंत उच्च स्तर पर उठाएंगे. 

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