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ज़ख़्मी आंख के साथ की धोनी ने पूरे मैच में कीपिंग

इंडिया वर्सेज़ ज़िम्बाब्वे. तीसरा टी-20. धोनी की आंख में गिल्ली लग गयी. लेकिन उन्होंने पूरे मैच कीपिंग की.

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फोटो - thelallantop
क्रिकेट देखते हैं? कौन नहीं देखता? आखिर इंडिया है. कि कोई मजाक? क्रिकेट खेला भी होगा. कभी न कभी तो खेला ही होगा, कम ऑन! खेलते वक़्त चोट भी लगी ही होगी. अगर क्रिकेट खेलते टाइम कभी चोट नहीं लगी तो समझ लो जीवन में क्रिकेट नहीं खेला आपने. खैर, टीम इंडिया में एक प्लेयर है. एम एस धोनी के नाम से. कीपिंग करता है. अच्छी कीपिंग करता है. उसके भूत और भविष्य दोनों उज्जवल आते हैं. 22 तारीख को इंडिया का ज़िम्बाब्वे नाम की एक टीम से मैच था. कड़ी टक्कर वाला मैच. टी-20 सीरीज़ का फाइनल. यही एम एस धोनी नाम का प्लेयर बैटिंग कर रहा था. 12 गेंदें खेल चुका था और रन बनाये थे कुल 9. तेरहवीं गेंद फेंकने को दौड़े तिरिपानो. धोनी ने उस गेंद को बौन्दरी पार पहुंचाने की सोची. बल्ला भांज दिया. लेकिन गेंद उनके बल्ले के नीचे से गुज़र गयी. धोनी शॉट के फ्लो में पीछे की ओर घूमे. तब तक गेंद स्टंप्स पर लग चुकी थी. ऐसे में स्टंप्स पर लगी गिल्लियां उछलीं और एक गिल्ली हेलमेट की ग्रिल से बचते हुए सीधी आकर धोनी की आंख में जा लगी. धोनी तुरंत ही तिलमिला उठे. गेंद उनकी पुतली में लगी थी. जैसे अर्जुन ने पानी में देख तीर चलाया हो और धोनी कोई मछली हों. https://www.youtube.com/watch?v=SCPDCl__xec इसके बाद धोनी आंख मल्ट हुए पवेलियन लौट गए. मैच के बाद उन्होंने अपनी एक फ़ोटो डाली. जिसमें उन्होंने अपनी आँखों का हाल बताया. साथ ही ये भी बताया कि अगली पूरी इनिंग्स में उन्होंने सब कुछ धुंधला-धुंधला देखते हुए कीपिंग की. साथ ही उनकी आंख में भयानक दर्द भी हो रहा था. MS Dhoni एक चोट खाई हुई आंख के साथ कीपिंग करना बहुत ही मुश्किल काम है. क्यूंकि कीपर एक ऐसा खिलाड़ी होता है जिसे हर गेंद को देखना होता है. बैट्समैन से छूटी तो कीपर ही संभालता है. ऐसे में 20 ओवर खड़े रहना ही बड़ी बात है. वो भी तब जब दर्द भी बाकायदे हो रहा हो. यकीनन दूसरी इनिंग्स की उस कीपिंग में कुछ न कुछ हाथ अनुभव का भी रहा ही होगा. और हां, ये पहली बार नहीं है जब धोनी ने इंसान न होने का भ्रम पैदा किया है. वो ऐसा कई बार कर चुके हैं. दर्द और रुकावटों को किनारे रखकर खेले हैं. जमशेदपुर में इंग्लैण्ड के खिलाफ़ मैच चल रहा था. धोनी को उनकी पीठ में दर्द उठा. उस दर्द से छुटकारे के लिए ज़रूरी था कि वो बर्फ़ से उसकी सिकाई करें. और उसके लिए ये भी ज़रूरी था कि धोनी को टाइम लगेगा. यानी उन्हें बाहर जाना होगा. और ये उन्हें गंवारा नहीं था. इसके लिए जो हुआ वो कमेंट्रेटर के शब्दों में कहें तो "I've seen a lot of things worn in my time, but an ice pack?" हां! धोनी ने अपनी पीठ में टीशर्ट के नीचे आइस पैक चिपकवा लिया और बैटिंग करने लगे. एकदम झूठ नहीं बोल रहे हैं, ये तो सच है. आप वीडियो देख लेओ: https://www.youtube.com/watch?v=t10XfCrGfSE

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