भारत एक परंपराओं का देश है और इस वजह से यहां भगवान और गुरुओं का विशेष महत्व माना जाता है. देशभर में रहने वाले कई लोग गुरुओं और उनके वचनों पर विश्वास करते हैं, जिनसे उन्हें ज़िंदगी में हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिलती है.
प्रचार-प्रसार: अध्यात्म पथ के प्रदर्शक गुरु प्रशांत पांडे
आध्यात्मिकता की दुनिया में प्रशांत पांडे एक ऐसे नाम हैं, जो सत्य के ज्ञान को खोजते हैं, उसे स्वयं प्राप्त करते हैं और दूसरों को सत्य के मार्ग पर ले जाते हैं.

अध्यात्म की मदद से लोगों को निराशा के वक्त भी एक उम्मीद मिलती है. लेकिन ये तभी संभव है, जब कोई आपके आस पास ऐसे गुरू हों, जो सही दिशा में आपको ले जाएं. गुरु न सिर्फ हमें सही-गलत का ज्ञान कराते हैं, बल्कि वे आध्यात्मिक पथ पर भी अग्रसर करते हैं.
आज हम आपको एक ऐसे प्रसिद्ध शख्सियत के बारे में बता रहे हैं, जो न सिर्फ अपने आध्यात्मिक ज्ञान से हमारे मन और मस्तिष्क को ऊर्जा से भर देते हैं. बल्कि हमें मानसिक सुख की अनुभूति के साथ-साथ एकाग्रता से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं.
वो शख्सियत हैं प्रशांत पांडे, आज आध्यात्मिकता की दुनिया में प्रशांत पांडे एक ऐसे नाम हैं, जो सत्य के ज्ञान को खोजते हैं, उसे स्वयं प्राप्त करते हैं और दूसरों को सत्य के मार्ग पर ले जाते हैं. उन्होंने क्रिया योग पर न सिर्फ काम किया है, बल्कि लोगों को इस पर विस्तार से बताया भी है.
उनके मुताबिक अगर आप किसी भी काम में पूरी तन्मयता से डूब जाते हैं, तो आध्यात्मिक प्रक्रिया शुरू हो जाती है. असली योग वो है, जो आपको अंदर से चेतना की शक्ति को शुद्ध ऊर्जा से भर दे.
वो आगे कहते हैं, आध्यात्मिक होने का अर्थ है कि आप अपने अनुभव के धरातल पर जानते हैं कि आप स्वयं ही अपने आनंद का स्रोत हैं. आध्यात्मिकता मंदिर, मस्जिद या चर्च में नहीं, बल्कि आपके अंदर ही घटित हो सकती है. यह अपने अंदर तलाशने के बारे में है. यह उनके लिए है, जो जीवन के हर आयाम को पूरी जीवंतता के साथ जीना चाहते हैं. अस्तित्व में एकात्मकता व एकरूपता है और हर इंसान अपने आप में अनूठा है. इसे पहचानना और इसका आनंद लेना आध्यात्मिकता का सार है.
जैसे-जैसे आप अध्यात्म की दुनिया में अग्रसर होने लगते हैं, आपको ऐसा लगने लगता है कि आपके भीतर कोई दैवीय शक्ति प्रवेश कर गई है, लेकिन यह इच्छाशक्ति की शक्ति है. आपकी इच्छाशक्ति आपको किसी भी क्षेत्र में काम करने में मदद कर सकती है. जिससे आप न केवल अपने अंदर बल्कि बाहर भी बेहद पॉजिटिव और एनर्जी से परिपूर्ण हो जाते हैं. मन में इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प हिलोरें मारने लगती हैं. यहीं से धर्म और सत्य का मार्ग शुरू हो जाता है.
कई बार हम अपनी जिंदगी में इस कदर उलझ जाते हैं कि हमें समझ ही नहीं आता अब क्या करें. हम हारने लग जाते हैं. जिंदगी से भागने लग जाते हैं. डर, चिंता, परेशानियां हमें निराशा के उन जंजीरों में जकड़ लेता है, जहां से निकलना नामुमकिन सा लगने लगता है. तनाव, शोर, अशांत की दुनिया में समा जाते हैं. लाख कोशिशों के बावजूद हम दलदल में फंसते जाते हैं. लेकिन अगर हमारे अंदर कुछ करने की इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प मजबूत हो, तो झटके में अपने आस-पास के नकारात्मक सोच को खत्म कर देता है. और ये सबकुछ संभव होता है, अध्यात्म से.
वाकई प्रशांत पांडे की इन बातों का उद्देश्य बस इतना है कि लोग अंधविश्वासों से दूर रहें, अपने ज्ञान और विश्वास के साथ शांति तरीके से जीवन बिताएं.
प्रशांत पांडे मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं, वो चाहते तो अपना बेहतर करियर बनाकर आराम की जिंदगी चुन सकते थे, लेकिन उन्होंने अध्यात्म को चुना, ताकि वो उन तमाम लोगों की मदद कर सकें, जो जिंदगी को बोझ समझने लगे हैं. और उसकी असली वजह है नेगेटिविटी. नकारात्मक से सकारात्मक की तरफ लोगों की सोच को ले जाना, यही प्रशांत पांडे का मकसद है.
आज की दुनिया में बेहद चुनिंदा लोग है, जो दूसरों के लिए सोचते हैं, दूसरों की भलाई के लिए सोचते हैं. लेकिन प्रशांत पांडे का नाम हमेशा समाज के उत्थान के लिए, लोगों की भलाई के लिए लिया जाता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि विश्व स्तर पर उगते सूरज की तरह प्रशांत पांडे की आध्यात्मिक किरणों और प्रकाश से बहुत से लोगों को फायदा हुआ है, और हो रहा है, तभी लाभान्वित लोग अनुयायियों के बजाय उनके आध्यात्मिक मित्र बन गए हैं.
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