अमेरिका के न्यू जर्सी में एक इमाम की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना 3 दिसंबर की सुबह न्यू जर्सी स्थित एक मस्जिद के पास हुई. वारदात के वक्त इमाम हसन शरीफ अपनी कार के अंदर थे. हमलावर ने उन पर कई गोलियां चलाई थीं. हालांकि अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में आतंकवाद का कोई एंगल अभी तक नहीं पाया गया है.
अमेरिका में मस्जिद के सामने किसने की इमाम की हत्या?
वारदात के वक्त इमाम हसन शरीफ अपनी कार के अंदर थे. हमलावर ने उन पर कई गोलियां चलाई थीं.

न्यू जर्सी में एक्सेस काउंटी के अधिवक्ता टेड स्टीफेंस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके बताया कि गोली लगने के तुरंत बाद शरीफ़ अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान 3 दिसंबर की दोपहर उनकी मौत हो गई. एक और अधिकारी फ़्रिट्स फ़्रेग ने बताया कि हसन शरीफ़ पांच साल से स्थानीय मस्जिद के इमाम थे और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करते थे. फ़्रेग ने स्थानीय लोगों से कहा,
“मैं आप लोगों के दर्द को समझ सकता हूं. मैं भरोसा दिलाता हूं कि इस जघन्य अपराध की जांच के लिए जितने संसाधन हो सकें जुटाए जाएंगे और इसके बारे में जितनी जल्दी हो सके पता लगा लिया जाएगा.“
अमेरिका में मुस्लिमों के सिविल अधिकारों की वकालत करने वाली सबसे बड़ी संस्था "काउंसिल ऑन अमेरिका-इस्लामिक रिलेशन" ने शरीफ़ की हत्या पर दुख जताया. संस्था ने कहा कि हमले के पीछे की असल वजह और मकसद पता नहीं चल पाए हैं, ऐसे में इलाके की तमाम मस्जिदें सतर्क रहें. उनके दरवाजे खुले रखने के दौरान ख़ास तौर पर सावधानी बरती जाए.
मामले पर न्यू जर्सी के अटॉर्नी जनरल का भी बयान आया. उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया में फैली अस्थिरता से हमारा देश भी अछूता नहीं है. अलग-अलग धर्मों के लोग इस अस्थिरता से डरे हुए हैं, ख़ासकर मुस्लिम धर्म के लोग. इस हत्या की वजह से न्यू जर्सी के लोगों के बीच घबराहट का माहौल है, लेकिन हम इससे उबरने की कोशिश में जुटे हुए हैं.”
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस घटना को हमास-इजराइल युद्ध से जोड़कर देखा है. उसकी रिपोर्ट के मुताबिक 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले और उसके बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई के चलते अमेरिका में धार्मिक हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं. बुधवार की घटना से पहले रविवार, 31 दिसंबर को न्यू जर्सी की एक और मस्जिद के पास एक इमाम पर चाकू से हमला किया गया था. इमाम सैयद अलनकीब हमले में घायल हो गए थे. मस्जिद के पास मौजूद लोगों ने उन्हें बचाया. सेरिफ जोरबा नाम के 32 वर्षीय व्यक्ति को इस हमले के बाद गिरफ्तार किया गया था.
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