डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 प्रवासी भारतीयों को लेकर यूएस मिलिट्री एयरक्राफ्ट भारत पहुंच गया है. इस विमान ने पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड किया. विमान के जरिए 79 पुरुष और 25 महिलाएं भारत पहुंचे. जिनमें 13 बच्चे भी शामिल हैं.
भारत पहुंचे अमेरिका से डिपोर्ट किए गए प्रवासी, अमृतसर एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिंग, देखिए लिस्ट
US Deported Indian Nationals: अमेरिका का मिलिट्री एयरक्राफ्ट पंजाब के Amritsar Airport पहुंच गया है. इस में विमान में कुल 104 यात्री सवार थे. जिनमें 19 महिलाएं और 13 बच्चे भी शामिल हैं.

ख़बरों के मुताबिक पंजाब पुलिस और अमृतसर जिला प्रशासन की टीमें हवाई अड्डे पर मौजूद थे. इसके अलावा एयरपोर्ट के अंदर अमेरिकी दूतावास के कर्मचारी भी थे.

जानकारी के मुताबिक, डिपोर्ट किए गए लोगों को वतन वापसी पर गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. जानकारों के मुताबिक जिन लोगों को निर्वासित किया गया है उनमें से ज्यादातर को मैक्सिकन-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था. ये सभी भारत में अपराधी नहीं हैं. क्योंकि उन्होंने भारत छोड़ने के लिए कानूनी तरीके का इस्तेमाल किया होगा. लेकिन डंकी रूट के जरिए अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश की और पकड़े गए.
सूत्रों का कहना है कि पासपोर्ट उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में बायोमेट्रिक्स का उपयोग करके उनकी पहचान की जा सकती है. असल में उनसे पूछताछ नहीं की जा सकती.
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सूत्रों के अनुसार, सबसे अधिक संख्या में डिपोर्ट किये जाने वाले गुजरात और हरियाणा से हैं. इन दोनों ही राज्यों से 33 लोगों के डिपोर्ट होकर वतन वापसी की ख़बर है. इसके बाद 30 पंजाब से हैं. दो-दो यात्री उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ से हैं. जबकि तीन महाराष्ट्र से हैं.
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पंजाब के 30 निर्वासित लोगों में से अधिकांश गुरदासपुर, अमृतसर और तरनतारन सहित माझा बेल्ट से हैं. जबकि अन्य जालंधर, नवांशहर, पटियाला, मोहाली और संगरूर से हैं.
अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 पंजाब और पड़ोसी राज्यों के इन अवैध अप्रवासियों को लेकर भारत पहुंच रहा है. पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने इंडिया टुडे को बताया कि राज्य सरकार ने डिपोर्ट होकर भारत लौटने वालों के लिए एयरपोर्ट पर काउंटर बनाए हैं. इस बीच पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने मंगलवार को अमेरिकी सरकार के फैसले पर निराशा व्यक्त की थी. और कहा कि
देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले इन व्यक्तियों को निर्वासित करने के बजाय स्थायी निवास प्रदान किया जाना चाहिए था. कई भारतीयों ने वर्क परमिट पर अमेरिका में प्रवेश किया, जो बाद में समाप्त हो गया, जिससे वे अवैध अप्रवासी बन गए।
मंत्री ने कहा कि वह अमेरिका में रहने वाले पंजाबियों की चिंताओं और हितों पर चर्चा करने के लिए अगले सप्ताह विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने की योजना बना रहे हैं।
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