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हवाई जहाज़ में बम की ख़बर उड़ी, भारतीय वायु सेना ने लड़ाकू जहाज़ भेजकर ये काम किया!

हवाई जहाज ने दिल्ली में उतरने की परमिशन मांगी, परमिशन डिनाइड!

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सांकेतिक तस्वीर. (इंडिया टुडे)

भारतीय वायु सीमा में एक विदेशी एयरक्राफ्ट के घुसने से हड़कंप मच गया है. सोमवार, 3 अक्टूबर को ऐसी रिपोर्ट्स आईं कि ईरान से आ रहे इस विमान में बम हो सकता है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक विमान ने दिल्ली में लैंड करने की परमिशन मांगी थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने विमान को इसकी इजाजत नहीं दी. उधर भारतीय सेना ने इस विमान को इंटरसेप्ट करने के लिए अपने दो लड़ाकू विमान रवाना कर दिए. हालांकि बाद में विमान में बम होने की अफवाह गलत निकली और अब विमान अपने तय शेड्यूल के तहत आगे बढ़ चुका है.

दिल्ली पुलिस को मिली थी जानकारी

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर दिल्ली पुलिस को ये जानकारी मिली कि ईरान से आ रहे एक एयरक्राफ्ट में बम हो सकता है. बताया गया कि इस विमान को ईरान की राजधानी तेहरान से चीन के गुआंगजो जाना था. पहले से तय रूट के तहत इसे कुछ समय के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरना था. रिपोर्ट के मुताबिक विमान ने दिल्ली में उतरने की अनुमति मांगी थी. लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने इसे खारिज करते हुए विमान को जयपुर की तरफ जाने को कहा. विमान के पायलट ने इससे इनकार कर दिया. इसके तुरंत बाद वायु सेना ऐक्टिव हो गई और उसके विमान इस एयरक्राफ्ट को फॉलो करने के लिए जोधपुर और पंजाब से निकल पड़े.

इस बीच विमान के भारतीय वायु सीमा में घुसने की खबर से इंडियन एयर सिस्टम पूरी तरह अलर्ट हो गया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि विमान पर नजर रखने के लिए वायु सेना ने अपने दो सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमानों को भेजा है जो भारतीय वायु सेना के शीर्ष लड़ाकू विमान माने जाते हैं.

इस बीच ईरान से आए विमान को लेकर कहा जा रहा है कि अब उसने चीन का रुख कर लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक विमान के तय शेड्यूल में फाइनल डेस्टिनेशन चीन ही है. हालांकि विमान ने अभी भी भारतीय वायु सीमा को क्रॉस नहीं किया है. ऐसे में भारतीय सुरक्षाबल, वायु सेना और तमाम एविएशन यूनिट्स इस विमान और इसके रूट पर करीबी नजर बनाए हुए हैं. खबर लिखे जाने तक विमान को भारतीय एजेंसियों द्वारा ट्रैक किया जा रहा था.

तारीख: कहानी भारतीय वायु सेना के पराक्रम की, जिसने दूसरे विश्व युद्ध में अकेले मोर्चा संभाल लिया था