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अगर आपके खाने के पैकेट में चूहा, मेंढक, कनखजूरा या इंसान की उंगली निकल आए तो क्या करना चाहिए?

किसी के भी साथ ऐसी घटना होना बेहद डरावना है. और ऐसा किसी के भी साथ हो सकता. लेकिन इन परिस्थितियों में हमें करना क्या चाहिए, इस बात की विश्वसनीय जानकारी सबके पास नहीं होती. तो स्टेप-बाए-स्टेप समझने की कोशिश करते हैं कि अगर किसी खाने के सामान में कोई जानवर, कीड़ा या कोई भी दूषित पदार्थ निकल आए तो क्या करना चाहिए.

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मुंबई में एक शख्स ने आइसक्रीम मंगाई तो पैकेट में इंसान की उंगली निकली. (सोशल मीडिया)

हाल ही में एक खबर आई कि मुंबई में एक शख्स ने आइसक्रीम मंगाई थी और पैकेट के अंदर इंसान की उंगली निकल आई. फिर खबर आई कि एक महिला ने चॉकलेट सिरप मंगाया था, उसके अंदर मरा हुआ चूहा निकला. नोएडा में आइसक्रीम के टब के अंदर कनखजूरा निकल आया. कल 19 जून की शाम खबर आई कि गुजरात के जामनगर में एक चिप्स के पैकेट के अंदर मरा हुआ मेंढक निकला.

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किसी के भी साथ ऐसी घटना होना बेहद डरावना है. और ऐसा किसी के भी साथ हो सकता. लेकिन इन परिस्थितियों में हमें करना क्या चाहिए, इस बात की विश्वसनीय जानकारी सबके पास नहीं होती. तो स्टेप-बाए-स्टेप समझने की कोशिश करते हैं कि अगर किसी खाने के सामान में कोई जानवर, कीड़ा या कोई भी दूषित पदार्थ निकल आए तो क्या करना चाहिए.

1. पहला कदम है सबूतों को सही ढंग से इकट्ठा करना. इसमें खाने के दूषित सामान की स्पष्ट तस्वीरें या वीडियो लेना.

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2. संभव हो तो पैकेजिंग और खाने के आइटम को भी सुरक्षित रखना चाहिए. ऑर्डर नंबर, खरीद की तारीख और खरीद के लिए इस्तेमाल किए गए प्लेटफ़ॉर्म सभी के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखना चाहिए.

3. इसके बाद फूड सेफ्टी विभाग को सूचित किया जाना चाहिए. कंज्यूमर वॉइस NGO के CEO आशिम सान्याल इंडिया टुडे से बात करते हुए कहते हैं कि खाने के सामान में जो गड़बड़ी है उसके सैंपल और फोटो-वीडियो लेकर नज़दीकी फूड सेफ्टी नोडल अफसर के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए.

भारत में खाद्य पदार्थों में मिलावट और खाना के सामान के दूषित होने की शिकायतों की जांच करने का अधिकार "भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के पास है. यह एक सांविधिक निकाय है, जिसे अंग्रेजी में स्टैचुटरी बॉडी भी कहते हैं. संबंधित राज्यों के खाद्य सुरक्षा विभागों के अंतर्गत यह अधिकार स्थानीय जिला उपभोक्ता फोरम को होता है. यही जिम्मेदार निकाय, खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों का उल्लंघन करने वाले निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हैं.

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गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा राज्य का विषय है. और यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्थानीय खाद्य सुरक्षा निकायों ने उचित कार्रवाई की है या नहीं, उन्हें FSSAI को समय-समय पर रिपोर्ट देना अनिवार्य होता है.

4. घटना की सूचना खाने का सामान बनाने वाले निर्माता और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और खुदरा विक्रेता को भी देनी चाहिए.

5. हर मामले में तुरंत पुलिस के पास जाने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि आपका केस फूड सेफ्टी विभाग देख रहा होता है. लेकिन अगर खाने के सामान की वजह से मौत का खतरा हो या उसे खाना घातक हो, तो ऐसे केस में तुरंत पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए.

हालांकि, खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की सिफारिशों के आधार पर, स्थानीय पुलिस आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता के तहत केस दर्ज करती है.

6. ग्राहकों को मिलावटी या दूषित खाने के सामान के कारण होने वाले किसी भी नुकसान या परेशानी के लिए मुआवज़ा मांगने का भी अधिकार होता है. इसके लिए कंज़्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज करने की जरूरत होती है. कंज़्यूमर कोर्ट खाद्य पदार्थ बनाने वाले और उसे बेचने वाले पर जुर्माना लगा सकता है.

सावधानी जरूरी है
किसी भी खाद्य पदार्थ को खाने से पहले हमेशा उसकी पैकेजिंग की जांच करनी चाहिए. किसी भी तरह की छेड़छाड़ के शक, जैसे कि फटी हुई और खुली हुई सील, या पैकेज बहुत ही जर्जर और पुराना लग रहा हो, तो खाने के पैकेट और सामान दोनों को अच्छी तरह से जांचना चाहिए. इसके अलावा सामान निर्माता का लोगो, बैच नंबर और सबसे जरूरी मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट की जांच जरूर करनी चाहिए.

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