टमाटर के महंगे दामों पर दी लल्लनटॉप की स्टोरी आपने देखी होगी. दिल्ली के आजादपुर मंडी में मौजूद एक सब्जी विक्रेता रामेश्वर का वीडियो वायरल हुआ था. उनसे जब हमने पूछा था कि क्या रिक्शा खाली जाएगा वापस? इस पर रामेश्वर ने जवाब दिया था- 'इतना पैसा नहीं है...'
वायरल होने के बाद कैसे मिले सब्जी विक्रेता रामेश्वर, मंहगाई पर क्या बोल दिया?
रामेश्वर ने लोगों को उनका दर्द समझने के लिए धन्यवाद किया.

इतना कहते हुए रामेश्वर की सिसकियां आपने देखी होगी. आंसू छुपाने के लिए रामेश्वर ने कैमरे से नजरें भी चुराई, लेकिन उनके दर्द ने, उनकी सिसकियों ने पूरे देश को कचोट दिया. ये सिसकियां देश की संसद में भी गूंजी. वीडियो वायरल होने के बाद रामेश्वर की मदद के लिए कई लोग उनकी मदद करना चाहते थे. पर रामेश्वर का कोई पता नहीं था.
इस कहानी की शुरुआत हुई थी हमारी एक ग्राउंड रिपोर्ट से. कुछ दिनों पहले लल्लनटॉप टीम के भानू और आर्यन टमाटर के 'ठेले से खेत तक' सफर की अपनी ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान आजादपुर मंडी पहुंचे थे. यहां उनकी मुलाकात रामेश्वर से हुई थी. 20 जुलाई 2023 की सुबह वो अपनी दुकान के लिए सब्जी खरीदने आजादपुर मंडी आए थे. जैसा कि सबको पता है बीते दिनों टमाटर के दाम कई गुना बढ़ गए थे, जो अब भी बढ़े हुए हैं. ऐसे में रामेश्वर को मंडी से खाली हाथ लौटते देख हमने उनसे बात की. फिर क्या हुआ आप सब जानते हैं. ये था बैकग्राउंडर, अब मुद्दे पर आते हैं. हमें दोबारा रामेश्वर मिले कैसे, मिलने के बाद क्या बात हुई.
20 जुलाई को उनका वीडियो रिकॉर्ड हुआ था. 27 जुलाई को हमारी रिपोर्ट पब्लिश हुई. 28 जुलाई को उसी रिपोर्ट से रामेश्वर की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई. इसके बाद हमने रामेश्वर से और बात करने की कोशिश की लेकिन हमारे पास उनका कॉन्टैक्ट नंबर नहीं था. 29 जुलाई से हमने रामेश्वर की तलाश शुरू की. पहले पहुंचे आजादपुर मंडी. सुबह के चार बजे, इस उम्मीद के साथ कि वहां रामेश्वर मिलेंगे. लेकिन चार घंटे मंडी खंगालने के बाद भी रामेश्वर नहीं मिले. इसके बाद हम पहुंचे जहांगीरपुरी के सब्जी मार्केट तो पता लगा कि बाजार शाम को लगती है. फिर हम उसी शाम 4 बजे जहांगीरपुरी की C ब्लॉक सब्जी मंडी पहुंचे. वहां कई लोगों से बात हुई लेकिन किसी ने उन्हें नहीं पहचाना.
बाद में हमने आस पास के बाजारों को भी खंगाला, लेकिन करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद खाली हाथ दफ्तर वापस लौटे. पुलिस के पास भी मदद के लिए गए लेकिन उन्होंने भी रुचि नहीं दिखाई. इसके बाद अगले चार दिन तक यही क्रम अपनाया. आस-पास के बाजारों को खंगाला, लोगों से बात की. इलाके के पार्षद से भी बात की. लोकल वॉट्सऐप ग्रुप्स पर रामेश्वर की फोटो शेयर की, पोस्टर भी बांटे. फिर भानू आजादपुर मंडी पहुंचे. वहां उन्होंने कुछ विक्रेताओं से बात की और उन्हें अपना फोन नंबर दिया और कहा कि रामेश्वर दिखें तो उन्हें मेरा फोन नंबर दे दें और मुझे भी इस बारे में बता दें.
फिर 11 अगस्त को भानू के पास कॉल आया कि रामेश्वर मिल गए हैं. उनको रामेश्वर का फोन नंबर मिला. रामेश्वर से बात हुई और मिलना तय हुआ. फिर 12 अगस्त को बातचीत में रामेश्वर ने क्या बताया आगे जानते हैं.

भानू ने रामेश्वर को बताया कि आपका वीडियो वायरल है. लोगों के बीच आपका वीडियो चर्चा में रहा और आपने बताया कि आपके पास पैसा नहीं है.
इस पर रामेश्वर बताते हैं कि उन्होंने अपना वीडियो देखा है. उनकी बेटी ने रामेश्वर को वीडियो दिखाया था. रामेश्वर आगे बताते हैं,
“मैं झूठ नहीं बोलता हूं, ईमानदारी वाली बात है. मैं झूठ नहीं बोलता चाहे सिर कट जाए.”
इसके बाद रामेश्वर ने लोगों को उनका दर्द समझने के लिए धन्यवाद किया. भानू ने जब उन्हें बताया कि उनका दर्द पूरे देश ने समझा है, इस पर रामेश्वर बोले,
“मेरी उम्र पूरे देश को लग जाए. सबको पहले मिले मुझे बाद में मिले. मैं बहुत सब्र वाला हूं! मिलता है तो भी खुश नहीं मिलता है तो भी खुश!”
महंगाई पर बात करते हुए रामेश्वर ने बताया कि महंगाई इतनी भी नहीं होनी चाहिए आधे लोग खाए और आधे मुंह देखें.
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने रामेश्वर की मदद के लिए भी अपील की थी. इसलिए हम उनके बैंक अकाउंट की डिटेल्स आपसे साझा कर रहे हैं.


वीडियो फॉर्मेट में उनका पूरा इंटरव्यू देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर देखिये.
ये स्टोरी हमारे साथी आर्यन ने लिखी है.
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