आरबीआई का 340 करोड़ का माल जा रहा था. 220 कार्टन भरे थे. आरबीआई समत्ते हो? वो बैंक जिसका एक भी एटीएम नहीं होता, पर पैसा सारा उसी का होता. तो कार्टन में क्या? पैसा ही पैसा. इत्ता भी रोमांचित न हो, पुरानी करेंसी थी, पर इत्ता भी हलके में न लो. करेंसी करेंसी होती है. करेंसी माने नोट. गांधी जी वाला पत्ता.

कल ट्रेन सेलम से चेन्नई चली. आज एगमोर पहुंची तो पता लगा बक्से गायब हैं. कटा है डब्बा. जिस वाले कंटेनर में चोरी हुई उसमें गार्ड नहीं था. साथ वाले डिब्बों में पुलिस वाले बैठे के बैठे रह गए. किसी को नहीं पता जेब कब कट गई. एकदम हॉलीवुड स्टाइल में लूट भई.

जीआरपी के डीआईजी हैं विजय भास्कर वो बताए, 5 करोड़ 78 लाख के लगभग चोरी हुए हैं. पैसा जो था वो चार बैंकों से जुड़ा था. तीन से चार कार्टन टैम्पर्ड थे.

ऐसी लूट तो तभी हो सकती है जब साक्षात विन डीजल को स्वर्गीय भईया पॉल वॉकर का संसर्ग मिले. ये सीन देख लीजिए. https://www.youtube.com/watch?v=W0Bo7CDDKjE