उत्तराखंड के हल्द्वानी में 8 फरवरी को भड़की हिंसा (Haldwani Violence) को लेकर सरकार सख्त रुख अपना रही है. मामले में पुलिस ने पांच हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. 8 फरवरी को एक कथित अवैध मदरसे और पास की मस्जिद को तोड़ने के दौरान काफी बवाल हुआ था. इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया था. इस हमले में कई पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए थे. अब घायल पुलिसवालों ने अपनी आपबीती सुनाई है.
'लोगों ने घर में जगह देकर बचाई हमारी जान...' हल्द्वानी हिंसा में जख्मी पुलिस वालों ने सुनाई आपबीती
Haldwani के बनभूलपुरा क्षेत्र में मालिक के बगीचा पर बने कथित अवैध निर्माण को पुलिस फोर्स गिराने पहुंची थी. जहां उपद्रवियों ने पुलिस फोर्स पर भारी पथराव कर दिया. इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मालिक के बगीचा पर बने कथित अवैध निर्माण को पुलिस फोर्स गिराने पहुंची थी. जहां उपद्रवियों ने पुलिस फोर्स पर भारी पथराव कर दिया. इस हमले में पुलिसकर्मियों के सिर और हाथ में गंभीर चोट आई.
सब इंस्पेक्टर ज्योति के मुताबिक स्थानीय लोगों ने अपने घर में पनाह देकर पुलिसवालों की जान बचाई. उन्होंने कहा,
“जब हम फोर्स के साथ वहां पहुंचे तो हमको यह जानकारी थी कि लोग विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं. लेकिन उन लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. पत्थरों से हमले के बीच भी हमने कार्रवाई पूरी की और उसके बाद इवैकुएशन हुआ, हमलोग पीछे नहीं हटे. वहां कुछ लोगों ने पुलिस की सहायता की और हमें अपने घर में पनाह देकर उपद्रवियों के हमले से बचाया.”
ये भी पढ़ें: हल्द्वानी में मरने वालों की संख्या छह हुई, बरेली में हिंसा के बाद अब कैसा है माहौल?
जबकि कांस्टेबल विजय कुमार के मुताबिक जब पुलिस फोर्स इलाके में पहुंची थी, तब कई लोग वहां पहले से ही नारेबाजी कर रहे थे. उन्होंने कहा,
एक्शन मोड में प्रशासन“जब पुलिस बल मौके पर पहुंचा था तो बहुत लोग नारेबाजी कर रहे थे. काफी पथराव भी हो रहा था. हमने सोचा भी नहीं था कि इस तरह पत्थर उड़ते हुए आएंगे. चारों ओर से ईंटों की बारिश हो रही थी.”
बताते चलें कि हिंसा मामले में पुलिस ने पांच हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. CM पुष्कर सिंह धामी के मुताबिक हिंसा के दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को जान से मारने की कोशिश की गई थी. इस हमले में अब तक पांच लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है. ड्रोन की मदद से पुलिस-प्रशासन उपद्रवियों की पहचान कर रहा है. साथ ही उन घरों की भी पहचान की जा रही है, जहां से पत्थर फेंके गए थे. घटना के बाद प्रशासन ने सख्ती करते हुए पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया था. हालांकि अब कर्फ्यू में ढील दे दी गई है.
वीडियो: राम मंदिर, बाबरी पर सवाल पूछने के दौरान संसद में किस-किस पर भड़के ओवैसी?