इन्फ्लूएंजा वायरस H3N2 से अब लोगों की मौत होने की खबरें आ रही हैं. हरियाणा और कर्नाटक में इस वायरस से एक-एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से आई मीडिया रिपोर्टों में ये जानकारी दी गई है. वहीं इंडिया टुडे/आजतक के मुताबिक मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि H3N2 वायरस के संक्रमण से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. इन लोगों की उम्र और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है.
H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस हुआ जानलेवा, बचने के तरीके जानें
सर्दी-जुकाम है तो हल्के में ना लें.

सीजनल इन्फ्लूएंजा एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है. मतलब ये सांस से जुड़ा संक्रमण है, जो तरह-तरह के इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक सीजनल इन्फ्लूएंजा वायरस के चार टाइप पहचाने गए हैं- A, B, C, D. इनमें A और B टाइप से सीजनल फ्लू फैलता है. टाइप C के ज्यादा केस सामने नहीं आते और ये हल्के इन्फेक्शन करने वाला माना जाता है. वहीं टाइप D सिर्फ मवेशियों में फैलता है, इंसानों में इसका कोई केस अब तक सामने नहीं आया है. इन्फ्लूएंजा टाइप A के दो सब-टाइप होते हैं- H3N2 और H1N1.
दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर सुमित रे खांसी-बुखार के ज्यादातर हालिया मामले इन्फ्लूएंजा वायरस के ही बताते हैं. वो कहते हैं,
इन्फ्लूएंजा वायरस का एक टाइप होता है, जिसे H3N2 कहते हैं. H3N2 के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. H1N1 भी है, लेकिन वो इतना ज्यादा नहीं है. बाकी सर्दी-जुकाम करने वाले एडिनोवायरस भी हैं.
ICMR के मुताबिक 15 दिसंबर, 2022 के बाद से H3N2 के मामले बढ़े हैं. ICMR ने बताया कि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) मतलब सांस के गंभीर संक्रमण वाले मामलों में आधे से ज्यादा लोग H3N2 से संक्रमित पाए गए हैं.
सीजनल फ्लू के लक्षणबुखार, ठंड लगना, खांसी, मिचली, उल्टी, गले में दिक्कत, बदन दर्द, दस्त, नाक बहना और छींक आना. सीजनल फ्लू में आप में ये लक्षण सामने आ सकते हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के मुताबिक फ्लू की वजह से आया बुखार तीन दिनों के बाद ठीक हो जाता है. वहीं खांसी तीन हफ्तों तक बनी रह सकती है. फ्लू के लक्षणों से आमतौर पर लोगों को एक हफ्ते अंदर राहत मिल जाती है. हालांकि, इस समय ज्यादातर लोग लंबे समय तक रहने वाले सीजनल फ्लू की शिकायत कर रहे हैं.
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कई लोगों ने सोशल मीडिया पर कहा है कि बुखार नहीं हो रहा है, लेकिन गले में दर्द, तेज खांसी और सीने में जकड़न जैसी दिक्कतें तीन हफ्ते से ज्यादा समय तक हो रही हैं. इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत सूखी खांसी की बताई जा रही है.
लंबे समय तक खांसी बने रहने की एक वजह एक्सपर्ट्स एयर पॉल्यूशन को भी बताते हैं. डॉक्टर सुमित रे कहते हैं कि इन्फ्लूएंजा जैसे वायरल इन्फेक्शन के साथ एयर पॉल्यूशन ने हालत बदतर कर दी है. पॉल्यूशन के कारण भी कई लोग लंबे समय तक खांसी की समस्या झेल रहे हैं.
इन्फ्लूएंजा हाई रिस्क वाले लोगों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है. इनमें से कई लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट करने तक की जरूरत पड़ सकती है. हाई रिस्क वाले लोगों में बुजुर्ग लोग, कम इम्यूनिटी वाले लोग, पहले से दमा या किसी दूसरी बीमारी से जूझ रहे लोग, प्रेग्नेंट महिलाएं और छोटे बच्चे शामिल हैं.
क्या करें और क्या नहीं?इन्फ्लूएंजा से बचाव और इसे नियंत्रित करने के लिए कोरोना काल वाले नियम ही अपनाने की जरूरत है. ICMR की ओर से भी इसके लिए गाइडलाइन्स जारी की गई हैं-
- साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं.
- अगर फ्लू के कोई लक्षण हैं, तो मास्क पहनें और भीड़ में ना जाएं.
- खांसते और छींकते समय अपने नाक और मुंह को कवर करें.
- फ्लू के लक्षण हैं, तो खाने में पर्याप्त मात्रा में तरल चीजें लें.
- बुखार और बदन में दर्द के लिए पैरासिटामोल की गोली लें.
- खुद से बिना डॉक्टर की सलाह के कोई एंटीबायोटिक या कोई और दवा ना लें.
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