केनरा बैंक की शिकायत पर CBI ने सूरत की एक प्राईवेट फर्म के खिलाफ 121 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. चार बैंकों के समूह की ओर से केनरा बैंक ने सूर्या एक्जिम लिमिटेड, उसके डायरेक्टरों, अज्ञात पब्लिक सर्वेंट्स, और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. CBI प्रवक्ता आरके गौड़ ने कहा,
"आरोप है कि साल 2017 से 2019 तक आरोपियों ने केनरा बैंक समेत बैंकों के समूह को धोखा देने का प्लान बनाया और 121.05 करोड़ की धोखाधड़ी को अंजाम दिया."
FIR के मुताबिक सूर्या एक्जिम लिमिटेड ने इन बैंकों से लोन लिया था. आरके गौड़ ने कहा,
"आरोप है कि बैंकों के समूह से बिना NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लिए प्राईवेट बैंकों में खाते खोले. इन खातों का इस्तेमाल पैसों को निकालने और फ्रॉड करने के लिए किया गया."
ऐसा होने पर खाता NPA (नॉन प्रफिटेबल एसेट) बन गया, जिससे बैंकों के संघ को 121.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. CBI के मुताबिक गुरुवार 24 दिसंबर को 5 जगहों पर छापे भी मारे गए. ये छापे सूरत और नवसारी में मारे गए. CBI को छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान काफी सुबूत मिले हैं. इनके आधार पर ही सीबीआई जांच को आगे बढ़ाएगी. इसके अलावा CBI ने दो अलग अलग पोंजी घोटालों से जुड़े मामलों में कंपनियों के 2 पूर्व निदेशकों को गिरफ्तार किया है.
सन प्लांट एग्रो और न्यू लैंग एग्रो के डायरेक्टर गिरफ्तार CBI ने सन प्लांट एग्रो लिमिटेड और न्यू लैंड एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के तत्कालीन निदेशकों को 756 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक सन प्लांट एग्रो लिमिटेड के तत्कालीन एमडी अवधेश सिंह और न्यू लैंड एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के तत्कालीन एमडी दीपांकर डे को CBI ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है. इन दोनों ने ही निवेशकों को अच्छी रिटर्न का लालच देकर ये पैसा जुटाया था. CBI का आरोप है कि पैसा जुटाकर ये दोनों फरार हो गए थे. अवधेश सिंह पर 697 करोड़ और दीपांकर डे पर 139 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है. सेबी ने न्यू लैंड एग्रो को निवेशकों का पैसा लौटाने को कहा था.