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गुजरात: स्कूल में गोडसे की तारीफ में भाषण देने पर बच्चे को इनाम, प्रशासन ने विषय को मंजूरी दी थी

विषय था, 'नाथूराम गोडसे: मेरे आदर्श या हीरो'.

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वलसाड़ जिले का कुसुम स्कूल और नथूराम गोडसे.
गुजरात के वलसाड में एक प्राइवेट स्कूल में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भाषण प्रतियोगिता का विषय बनाए जाने को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. राज्य सरकार ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए एक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है. इंडिया टुडे से जुड़ीं गोपी मनियार घांघर की रिपोर्ट के मुताबिक ये भाषण प्रतियोगिता बीती 14 फरवरी को वलसाड के कुसुम विद्यालय में आयोजित की गई थी. इसमें 5वीं से 8वीं कक्षा तक के छात्रों ने हिस्सा लिया था. प्रतियोगिता के लिए बच्चों को तीन विषय विषय दिए गए थे, 'मुझे आसमान में उड़ते हुए पक्षी पसंद हैं', 'मैं वैज्ञानिक बनूंगा, लेकिन अमेरिका नहीं जाऊंगा' और 'नाथूराम गोडसे: मेरे आदर्श या हीरो'. बच्चों को इनमें से किसी एक विषय पर बोलना था. प्रतियोगिता कई वजहों से सवालों में है. पहली आपत्ति यही जताई गई है कि इसमें नाथूराम गोडसे पर भाषण देने का विचार ही क्यों किया गया. दूसरा कि गोडसे पर बोलने के लिए जो विषय दिया गया, उसे देखकर कहीं भी नहीं लगता कि छात्रों को गांधी के हत्यारे के बारे में कुछ भी नकारात्मक बोलना था. उसे या तो 'आदर्श' मानकर बोलना था, या 'हीरो' मानकर उसके बारे में बताना था. खबर के मुताबिक दिलचस्प बात ये कि वलसाड जिले के अधिकारियों ने इन विषयों को मंजूरी प्रदान की थी और एक छात्र ने 'नाथूराम गोडसे: मेरे आदर्श या हीरो' भाषण भी दिया. इतना ही नहीं, गोडसे की तारीफ में भाषण देने के लिए इस छात्र को विजेता घोषित कर इनाम भी दिया गया है.

युवा विकास अधिकारी सस्पेंड

नाथूराम गोडसे को आदर्श बताने वाली इस प्रतियोगिता की बात जैसे ही छात्रों के अभिभावकों तक पहुंची तो हंगामा हो गया. विपक्ष भी इसके खिलाफ मैदान में है. कांग्रेस ने इसे भाजपा और आरएसएस की इतिहास बदलने की साजिश बताया है. कांग्रस ने बीजेपी पर सवाल दाग दिया है कि वो बताए कि उसके नेता गांधीजी को मानते हैं या गोडसे को पूजते हैं. हालांकि सरकार की तरफ से कार्रवाई की गई है. गुजरात के युवा और संस्कृति मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि वलसाड की युवा विकास अधिकारी मीता गवली को 'निगरानी की कमी' के लिए निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने ये भी कहा कि जांच के बाद अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल अर्चना देसाई का कहना है कि उन्होंने ये प्रतियोगिता जिला अधिकारी के आदेश के बाद कराई थी. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी कहा,
'गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को हीरो दिखाने के लिए ये साजिश रची गई थी. ये पूरी व्यवस्था सरकार के आदेश से की गई थी कि किस तरह बच्चों के दिमाग में हत्यारे को हीरो दिखाने की बात भरी जाए. ये सब आरएसएस के एजेंडे के तहत किया जा रहा है. हमारी मांग है कि गुजरात के मुख्यमंत्री इस पर जवाब दें कि उनकी सरकार गांधीजी के विचारों को मानती है या वे गोडसे को पूजते हैं. ये इतिहास बदलने की साजिश है. ये हिंदुस्तान के लिए खतरनाक होगा.'
वहीं कांग्रेस नेता सलमान सोज ने कहा कि बीजेपी के नेता विदेश में गांधी की मूर्ति के सामने सिर झुकाते हैं, लेकिन उनकी हकीकत यहां दिख जाती है.

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