The Lallantop

गूगल ने इंडिया में ऐसी क्या 'ठगी' कर डाली कि अब दोबारा 936 करोड़ का जुर्माना लग गया?

पिछला जुर्माना 1337 करोड़ रुपये का था.

Advertisement
post-main-image
सांकेतिक फोटो.

गूगल पर एक ही हफ़्ते में दो जुर्माने. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 25 अक्टूबर को टेक दिग्गज गूगल (Google) पर टेक दुनिया में अपने दबदबे का दुरुपयोग करने के लिए एक और जुर्माना लगाया है. ताज़ा आदेश में कंपनी को पेनल्टी के तौर पर 936.44 करोड़ रुपये देने को कहा गया है. इससे पहले 20 अक्टूबर को CCI ने गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका था. क्यों? दरअसल, CCI की रिपोर्ट में ये पता चला है कि कंपनी अपने ऐप्स को बढ़ावा देने के लिए अपनी मज़बूत स्थिति का ग़लत इस्तेमाल करती है.

Advertisement
गूगल इतने सालों से ये कर रहा था?

दरअसल, स्मार्टफोन में एक ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) चाहिए होता है. एंड्रॉयड ऐसा ही एक ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे 2005 में गूगल ने ख़रीद लिया था. CCI ने एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और Google के अलग-अलग मोबाइल एप्लिकेशन की जांच की. मसलन, प्ले स्टोर, गूगल सर्च, क्रोम, यूट्यूब इत्यादि. आयोग को अपनी जांच में पता चला कि गूगल ये सुनिश्चित कराता है कि सभी एंड्रॉयड फोन में उसी के ऐप्लिकेशन्स पहले से ही इंस्टॉल रहें. ताकि यूज़र्स का पहला चयन उन्हीं में से रहे. 

CCI का कहना है कि इस तरीक़े की स्थिति पैदा कर कंपनी दूसरी कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा ख़राब करती है. इधर, 21 अक्टूबर को गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन पर लग रहे जुर्माने, देश में यूज़र्स और बिज़नेस के लिए एक बड़ा झटका हैं. कहा,

Advertisement

"एंड्रॉयड ने सभी के लिए ज़्यादा से ज़्यादा विकल्प बनाए हैं. हम भारत और दुनिया भर में हज़ारों सफल बिज़नेसेस का समर्थन करते हैं."

गूगल ने CCI के सामने दलील दी थी कि एप्पल कंपनी के कारण प्रतिस्पर्धा ख़राब हो रही है. हालांकि, इस दावे को ख़ारिज करते हुए भारतीय नियामक ने जवाब दिया था कि दोनों कंपनियों के बिज़नेस मॉडल में काफ़ी अंतर है. जुर्माने के अलावा, CCI ने कंपनी को अपने एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म के लिए अपना दृष्टिकोण बदलने का भी आदेश दिया है.

इंडियंस ने गूगल से क्यों की लाखों शिकायतें?

Advertisement

Advertisement