मध्य अफ़्रीकी देश डेमोक्रटिक रिपब्लिक ऑफ़ कॉन्गो (Democratic Republic of Congo) के गोमा शहर में नरसंहार जैसी स्थिति है. इस शहर और उसके आस-पास के इलाकों में इस एक हफ़्ते नें कम से कम 773 लोग मारे (Congo Deaths) गए हैं. मृतकों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है.
हफ्ते भर में 800 मौतें, हर तरफ खून की गंध... इस देश में नरसंहार जैसी स्थिति, विद्रोही और सेना के बीच भयंकर लड़ाई
Congo के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि गोमा शहर के हास्पिटल के शवगृह (Goma hospital morgues) में लगभग 773 शव पड़े हैं.

घटना कॉन्गो की सेना से पड़ोसी देश रवांडा समर्थित विद्रोहियों (M23 ग्रुप) की लड़ाई के दौरान हुई. जिन्होंने एक दशक से चले आ रहे संघर्ष में शहर पर कब्ज़ा कर लिया है. डेमोक्रटिक रिपब्लिक ऑफ़ कॉन्गो यानी DRC के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 1 फ़रवरी को बताया है कि M23 विद्रोहियों के इस सप्ताह के हमले के बाद 30 जनवरी तक 773 शव मिले हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये भी कहा कि 26 जनवरी से 30 जनवरी के बीच 2,880 लोग घायल हुए हैं. गोमा, DRC के पूर्वी हिस्से का सबसे बड़ा शहर और ‘उत्तरी किवु प्रांत’ की राजधानी है. ये शहर सोने, कोल्टन और टिन की खदानों के लिए जाना जाता है. इस हफ़्ते विद्रोही गुट M23 ने यहां कब्ज़ा कर लिया था.
इसके बाद M23 ने पानी और बिजली समेत बुनियादी सेवाओं को बहाल करने का वादा भी किया. ऐसे में 1 फ़रवरी को गोमा के सैकड़ों निवासी शहर लौटते भी दिखे. उन्होंने हथियारों के मलबे और ख़ून की बदबू से भरे इलाक़ों की सफाई की. 25 साल की स्थानीय निवासी जीन मार्कस ब्रिटिश अख़बार गार्डियन को बताते हैं,
लड़ाई में मेरे एक रिश्तेदार की मौत हो गई है. मैं थक गया हूं और समझ नहीं पा रहा हूं कि किस तरफ जाऊं. हर कोने पर शोक मनाने वाले लोग हैं.
इस बीच, मानवीय संगठन गोमा शहर में (भारी लड़ाई के बीच) राहत कार्य में लगे हैं. उन्होंने अस्पतालों की मदद की और राहत प्रदान की. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इन संगठनों को काम करने में कठिनाई भी हुई और उनके अपने कर्मचारी भी प्रभावित हुए. मेडिसिन्स सैन्स फ्रंटियर्स (डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स संगठन के) के अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया,
हमारे पास दवाओं का बहुत कम स्टॉक बचा है. कुछ विस्थापन शिविरों में लोगों की सहायता करना बंद करना पड़ा है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम के अधिकारियों का कहना है कि उसने अपने कर्मचारियों को इलाक़े से निकाल लिया है और राहत कार्यों को फिलहाल के लिए रोक दिया है. वहीं, DRC के सेना के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने विद्रोहियों से कुछ गांव वापस ले लिए हैं. इससे विद्रोहियों की दूसरे इलाकों में बढ़त भी धीमी हो गई है.
M23 को रवांडा का समर्थनविद्रोही समूह M23 के हथियारबंद लोगों ने DRC के नॉर्थ किवु में आतंक फैलाने के नए-नए तरीके खोज लिए हैं. पड़ोसी देश रवांडा M23 को बलात्कार, हत्या और यातना जैसे अपराधों के लिए पैसे, हथियार और रसद देता है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि M23 को रवांडा के लगभग 4,000 सैनिकों का समर्थन हासिल है.
वजह क्या है?बताया जाता है कि एक विद्रोही समूह ‘नेशनल कांग्रेस फॉर द डिफेंस ऑफ द पीपल’ (CNDP) और कॉन्गो सरकार के बीच एक समझौता हुआ था. तय हुआ कि इसके सैनिकों को ‘फोर्सेस आर्मीस डे ला रिपब्लिक डेमोक्रेटिक डू कॉन्गो’ (FARDC) में शामिल किया जाएगा. आसान भाषा में FARDC कॉन्गो की सरकारी सेना है. वहीं, CNDP एक राजनीतिक पार्टी बनने के लिए सहमत हुई.
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लेकिन CNDP ने माना कि सरकार ने इस समझौते की शर्तों पर पूरी तरह से अमल नहीं किया. और इसी कारण से 2012 में M23 मूवमेंट का गठन हुआ. इस समूह ने सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया. मूवमेंट ने हिंसक रूप ले लिया.
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