“भारत में कोविड-19 महामारी के चलते लगे प्रतिबंधों का लोगों पर गंभीर असर पड़ा है.”रिपोर्ट में भारत में भूखमरी के स्तर को लेकर चिंता जताई गई है. साल 2020 में 107 देशों की सूची में भारत 94वें स्थान पर था. रिपोर्ट के मुताबिक भारत का जीएचआई स्कोर कम हुआ है. साल 2000 में ये 38.8 था, जो 2012 से 2021 के बीच 28.8-27.5 तक पहुंचा है.

9 सालों में केवल 1.3 पॉइंट्स की बेहतरी
पड़ोसी देशों से फिर पीछे रह गया भारत -
इस लिस्ट में 15 देश ऐसे हैं जो भारत से पीछे हैं. पापुआ न्यू गिनिया (102), अफगानिस्तान (103), नाइजीरिया (103), कॉन्गो (105), मोजाम्बिक (106), सिएरा लियोन (106), हैती (109), लाइबेरिया (110), मैडागास्कर (111), डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो (112), चैड (113), सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (114), यमन (115) और सोमालिया (116) जैसे देश ही भारत से इस लिस्ट में पीछे हैं.भारत इसके अलावा अपने ज्यादातर पड़ोसी देशों से भी पीछे है. इस लिस्ट में पाकिस्तान की रैंक 92, नेपाल की रैंक 76 और बांग्लादेश की रैंक भी 76 है. रिपोर्ट के अनुसार, ये देश भी भुखमरी को लेकर 'चिंताजनक' स्थिति में है, लेकिन भारत की तुलना में अपने नागरिकों को भोजन मुहैया कराने के लिए बेहतर प्रयास किए हैं.
ये रिपोर्ट आयरलैंड की 'कंसर्न वर्ल्ड वाइड' और जर्मनी की 'वेल्ट हंगर हाईलाइफ़' ने मिलकर तैयार की है. भारत का जीआईएस स्कोर (भूख का स्तर) में चिंतनीय बदलाव दिखे है. इस साल भारत का जीएचआई स्कोर 27.5 रहा.
क्या है जीएचआई स्कोर?
GHI स्कोर चार पैमानों से निर्धारित होता है - 'अल्पपोषण', यानी उम्र के हिसाब से वज़न का कम होना, 'चाइल्ड वेस्टिंग' यानी क़द के हिसाब से वज़न का कम होना, 'स्टंटिंग' यानी उम्र के हिसाब से क़द का कम होना और पांच साल के कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर.जीएचआई ज़्यादा मतलब, उस देश में भूख की समस्या ज़्यादा है. उसी तरह, किसी देश के जीएचआई स्कोर कम होने का मतलब है कि वहां की स्थिति बेहतर है. 5 से कम जीएचआई स्कोर रखने वाले चीन, ब्राज़ील और कुवैत समेत 18 देश, शीर्ष स्थान पर हैं.
ग्लोबल हंगर इंडेक्स' का सूचकांक हर साल ताज़ा आंकड़ों के साथ जारी किया जाता है. इस इंडेक्स के ज़रिए विश्व भर में भुखमरी से संबंधित चल रहे अभियानों की उपलब्धि और नाकामी का आंकलन किया जाता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स के मौजूदा आंकड़ों को देखते हुए यह लगता है कि पूरी दुनिया और विशेष रूप से 47 देश, 2030 तक 'कम जीएचआई' श्रेणी तक भी पहुंचने में विफल रहेंगे. भारत सरकार ने क्या कहा है? वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि यह चौंकाने वाला है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का रैंक नीचे आ गया है. सरकार ने रैंकिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली को अनसाइंटिफिक करार दिया है. रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2021 ने कुपोषित आबादी के अनुपात पर एफएओ अनुमान के आधार पर भारत के रैंक को कम कर दिया है. जो कुपोषित आबादी के अनुपात पर जमीनी वास्तविकता से दूर है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ़ की प्रकाशन एजेंसियों ने रिपोर्ट जारी करने से पहले मेहनत नहीं की. मंत्रालय ने दावा किया कि एफएओ द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली अनसाइंटफिक है.