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दिल्ली का ये गैंग लड़कों को सेक्स वर्कर बनाने के लिए फोन करता है, फिर करता है ये काम!

पुलिस ने पकड़ा तो सैलरी पर लोग रखे हुए थे, बंदा बुरा फंसा!

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दिल्ली में जिगोलो जॉब के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने वाले रैकेट का भंडाफोड़. (तस्वीर- आजतक)

दिल्ली के एक बंदे का फोन बजा. वॉट्सऐप पर किसी अनजान नंबर से मैसेज आया था. दूसरी तरफ से ऑफर आया था - मसाज करना चाहते हो? ये ऐसे-वैसे मसाज का ऑफर नहीं था. ये सेक्स वर्कर बनाने का कोडवर्ड था. कई घरों में जाने का वादा किया गया था. वादा किया गया कि पैसे मिलेंगे, ढेर सारे. जिसका ‘मसाज’ करेंगे, उससे पेमेंट लेनी होगी. शर्त ये थी कि हर तरह का मसाज करना होगा. बंदा तैयार हो गया. लेकिन फिर उससे मांगे गए पैसे. एक बार आईडी बनवाने के लिए, एक बार रजिस्ट्रेशन के लिए, एक बार मसाज किट के नाम पर, एक बार होटल बुकिंग के लिए. फिर शक हुआ. सेक्स वर्कर बनने की ख्वाहिश जताए लड़के ने मना कर दिया. कहा कि पैसे वापिस दो. पैसे वापिस नहीं मिले. फिर लड़का पुलिस के पास गया. पुलिस ने राजधानी दिल्ली के सबसे शातिर गैंग का भंडाफोड़ कर दिया.

दरअसल दिल्ली में जिगोलो यानी मेल सेक्स सर्विस के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस ने इस रैकेट के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया. इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. आरोप है कि ये ‘जिगोलो और मसाज सर्विस’ के बदले मोटी सैलरी का ऑफर देते थे. जो लोग इनके झांसे में आते, उनसे रजिस्ट्रेशन फीस, मसाज किट और होटल बुकिंग के नाम पर पैसे ऐंठ लेते थे. इस गैंग ने जिगोलो सर्विस में इंटरेस्ट रखने वालों को लपेटे में लेने के लिए मार्केटिंग का भी सहारा लिया. ये लोग तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ‘जिगोलो जॉब’ वाले पोस्ट डालते थे, वॉट्सऐप पर नंबर जारी करते थे और डेटिंग ऐप्स का भी सहारा लेते थे.

आजतक से जुड़े तनसीम की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम शुभम आहूजा, उदित मेहता, अर्चना और नेहा चंद्रा हैं. उत्तर-पश्चिम दिल्ली स्थित साइबर स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने चारों आरोपियों की गिरफ्तारी की है. इनके पास से एक लैपटॉप, एटीएम कार्ड्स और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं. पुलिस ने बताया कि अच्छी सैलरी के अलावा आरोपी जिगोलो सर्विस में इंटरेस्ट दिखाने वालों को इनसेन्टिव और दूसरे फायदे देने का भी वादा करते थे. पिछले दो सालों में इन लोगों ने सौ से ज्यादा लोगों को ठगा है.

रैकेट का पता कैसे चला?

जिस युवक की कहानी हमने आपको शुरू में बताई, उसने बताया कि मसाज सर्विस की जॉब देने के नाम पर उससे 47 हजार 200 रुपये ले लिए गए.

इसके बाद पुलिस ने दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने का अभियान शुरू किया. उसने तुरंत रैकेट से जुड़े अकाउंट्स का पता लगाया और तकनीकी मदद ली. इसके अलावा पुलिस ने अपने स्थानीय खुफिया सूत्रों को रैकेट से जुड़े लोगों का पता लगाने को कहा. सारी जानकारी मिलने के बाद दिल्ली के जनक पार्क और हरि नगर में छापेमारी हई और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. जल्दी ही डिजिटल एविडेंस भी इकट्ठा कर लिए गए. इनमें सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एटीएम कार्ड और डॉक्युमेंट्स शामिल हैं. जांच में इन सभी का इस पूरे फ्रॉड से कनेक्शन पाया गया है.

पुलिस ने बताया कि रैकेट का मास्टरमाइंड शुभम आहूजा दिल्ली के जनक पार्क और हरि नगर से ऑपरेट कर रहा था. वो एक आरोपी उदित को बतौर मैनेजर 20 हजार रुपये की सैलरी दे रहा था. जबकि नेहा और अर्चना को उसने 15-15 हजार रुपये के वेतन पर रखा था. ये दोनों रैकेट के लिए टेलीकॉलर्स का काम करती थीं.

पुलिस ने बताया कि शुभम आहूजा 12वीं तक पढ़ा है. उसने जिगोलो/प्लेबॉय जॉब के लिए यंग लड़कों को टारगेट किया. इसके लिए वो फेक कॉल सेंटर चला रहा था. उसके एंप्लॉय इन नकली कॉल सेंटर से युवकों को फोन या मेसेज करते थे. उन्हें लुभावने ऑफर देते थे. पुलिस अब इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

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