G20 Leader's Summit 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में हुआ. इसके सफल आयोजन की तारीफ़ भारत से लेकर पूरी दूनिया में हो रही है. तकरीबन साल भर देश के अलग अलग शहरों में आयोजन हुए. फिर दिल्ली में मुख्य कार्यक्रम हुआ. और इसके लिए दिल्ली को सजाने-संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी. मेहमानों को खाना भी चांदी की क्रॉकरी (थाली-चम्मच) में परोसा गया था. ये सब हुआ था टैक्सपेयर के पैसे से. सो ये पूछा जा रहा है कि इस पूरे आयोजन पर खर्च कितना हुआ.
क्या G20 Summit में 5,000 करोड़ रुपए खर्च हुए? मोदी सरकार ने क्या जवाब दिया?
G 20 की रौनक सबने देखी और पसंद की. लेकिन सवाल है कि इस सब पर पइसा कितना लगा?

कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि G20 के लिए 990 करोड़ का बजट मंज़ूर हुआ था. लेकिन सरकार ने 4100 करोड़ खर्च कर दिया. ऐसे आरोपों पर भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि G20 समिट के आयोजन में पैसा ज़्यादा नहीं, कम खर्च हुआ है. इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि सरकार की तरफ़ से जो बजट अप्रूव हुआ था, उससे भी कम में आयोजन पूरा हो गया.
सवाल 1 - विपक्ष को क्यों नहीं बुलाया?सरदेसाई ने शेरपा अमिताभ कांत से पहला सवाल कांग्रेस नेता शशि थरूर के दो ट्वीट्स पर किया. थरूर ने G20 के सफल आयोजन के लिए अमिताभ कांत की तारीफ़ की थी. लेकिन ये भी पूछा कि आपसदारी और सहयोग की इसी भावना का प्रदर्शन सरकार आंतरिक मामलों में क्यों नहीं करती है? G20 समिट के किसी भी क्रार्यक्रम में, रिसेप्शन में या डिनर में सरकार ने नेता प्रतिपक्ष (खरगे) या दूसरे विपक्षी सांसदों को नहीं बुलाया गया. दुनिया में कोई दूसरा लोकतंत्र ऐसा नहीं करता. G20
इस पर G20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि उनके मन में शशि थरूर के लिए बहुत इज्जत है. रही बात विपक्ष के नेताओं की, तो G20 डिनर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ और भी कई विपक्षी नेता शामिल थे. कांत ने आगे कहा,
“जो भी विपक्ष के नेता आए वो सभी वर्ल्ड के बड़े-बड़े नेताओं से मिले हैं. मैं भी सबसे मिला.”
कांत से दूसरा सवाल G20 समिट में हुए खर्च को लेकर था. कांत से उन कयासों और दावों पर उत्तर मांगा गया जिनके मुताबिक जर्मनी, इंडोनेशिया आदि ने जितना पैसा समिट में खर्च किया है उसका 6 गुना पैसा इंडिया ने खर्च किया. ऐसा भी कयास लगाया जा रहा है कि G20 समिट में 4 हज़ार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और ये आंकड़ा 10 हज़ार करोड़ तक जा सकता है.
जवाब-इस पर कांत ने कहा कि आप लोग फेक न्यूज़ पर भरोसा मत करिए. ये डेटा बिल्कुल गलत है कि G20 समिट में 4,332 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. उन्होंने कहा,
सवाल 3 - अमिताभ कांत राजनीति में शेरपा बनेंगे?'G20 समिट के लिए सरकार की तरफ़ से एक बजट अप्रूव हुआ था. जो बहुत कम था और हमने अप्रूवड बजट से भी कम पैसे खर्च किए हैं. हम सब लोगों को थोड़ा इतंजार करना चाहिए. अभी आयोजन खत्म हुआ है. हम लॉजिस्टिक्स का हिसाब-किताब जोड़कर खर्च हुए पैसे का हिसाब लगाएंगे. जो भी रकम आएगी, वो सार्वजनिक की जाएगी. तब तक आप सभी लोग फेक न्यूज़ पर भरोसा मत करिए.'
तीसरा सवाल अमिताभ कांत से पूछा गया कि क्या वो कभी राजनीति में आना चाहेंगे?
जवाब-इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति में आने की इच्छा नहीं है. उन्हें पढ़ना-लिखना पसंद है. तो वही करना चाहेंगे. वो सरकार के लिए काफ़ी समय से काम कर रहे हैं. इसलिए अब वो थोड़ा चिल (आराम) करना चाहते हैं.
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