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G20 Summit पर पहली बार बोला चीन, अपने ही खिलाफ बने प्लान की तारीफ क्यों की?

G20 समिट को लेकर चीन ने पहली बार आधिकारिक बयान जारी किया है. इसमें उसने भारत में हुए इस सम्मेलन, रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे मुद्दों पर बात की.

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चीन ने नई दिल्ली में हुए G20 समिट की किस पहल का स्वागत किया? (फोटो क्रेडिट - ट्विटर/इंडिया टुडे)

G20 समिट (G20 Summit 2023) को लेकर चीन (China) ने पहली बार कुछ कहा है. चीन की तरफ से 11 सितंबर को कहा गया कि वो नई दिल्ली घोषणा पत्र का स्वागत करता है. चीन की तरफ से कहा गया कि यह घोषणा पत्र एक बार फिर से यह स्थापित करता है कि G20 समिट आर्थिक सहयोग के लिए है, ना कि भू-राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दों को हल करने के लिए.

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द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की तरफ से कहा गया कि वो इंडिया मिडल ईस्ट यूरोप इकॉनोमिक कॉरिडोर (IMEC) का स्वागत करता है. भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ ने 9 सितंबर को इसकी घोषणा की थी. IMEC को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के समानांतर देखा जा रहा है. चीन ने कहा कि इसे जियोपॉलिटिकल टूल की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

चीन के विदेश मंत्रालय ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि वो उन सभी पहलों का स्वागत करता है, जो वाकई में विकासशील देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद करती हैं. और जिनसे कनेक्टिविटी और सभी देशों के विकास को बढ़ावा मिलेगा.

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साथ ही, हम बात पर भी ज़ोर देते हैं कि अलग-अलग कनेक्टिविटी सबके लिए खुली होनी चाहिए. ये सबको साथ लेकर चले और सबके साथ संतुलन बनाकर रखे. इस तरह की पहलों को जियोपॉलिटिकल टूल्स की तरह इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.

IMEC क्या है?

IMEC में भारत को गल्फ इलाके से जोड़ने के लिए पूर्वी कॉरिडोर और गल्फ को यूरोप से जोड़ने के लिए एक उत्तरी कॉरिडोर बनाया जाना शामिल है. इसमें रेलवे और शिप-रेल ट्रांसिट नेटवर्क के साथ ही सड़क परिवहन मार्ग भी होंगे. यानी भारत, गल्फ और यूरोप सड़क, रेल और पानी तीनों के रास्ते से जुड़ जाएंगे.

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग से रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में भी पूछा गया. चीन की तरफ से कहा गया कि यूक्रेन मुद्दे पर उसका रुख पहले से ही साफ है और चीन हमेशा से मानता है कि यूक्रेन संकट तभी ठीक हो सकता है जब कोल्ड वॉर की मानसिकता को छोड़ दिया जाए. दोनों देशों की वैध सुरक्षा चिंताओं को ज़रूरी माना जाए और उनका सम्मान किया जाए.

माओ निंग ने आगे कहा कि साथ ही बातचीत के ज़रिए राजनीतिक हल ढूंढा जाए. चीन शांति वार्ता को बढ़ावा देने और यूक्रेन संकट के राजनीतिक हल के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा. 

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