इजरायल-गाजा संघर्ष (Israel Gaza Conflict) के बीच फ्रांस ने बड़ा फैसला लिया है. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने एलान किया है कि फ्रांस, फिलिस्तीन (Palestine) को एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देगा. उन्होंने कहा कि सितंबर में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में औपचारिक रूप से इसका एलान करेंगे.
हमास खुश, नेतन्याहू आगबबूला; फ्रांस ने बड़ी हिम्मत दिखाते हुए फिलिस्तीन को मान्यता दी
Emmanuel Macron का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब इजरायली बमबारी की वजह से हजारों नागरिक Gaza में फंसे हुए हैं और भूख से मर रहे हैं. इजराइली प्रधानमंत्री Benjamin Netanyahu की भी मैक्रों के इस फैसले पर प्रतिक्रिया आई है.
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्रों का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब इजरायली बमबारी की वजह से हजारों नागरिक गाजा में फंसे हुए हैं और भूख से मर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज सबसे जरूरी बात यह है कि गाजा में युद्ध रुके और नागरिक आबादी को बचाया जाए. आगे कहा,
शांति संभव है. मिडिल-ईस्ट में न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के प्रति अपनी ऐतिहासिक प्रतिबद्धता के तौर पर मैंने फैसला लिया है कि फ्रांस फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देगा.

राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि इजरायल-गाजा के बीच तुरंत सीजफायर होना चाहिए और सभी बंधकों की रिहाई होनी चाहिए. गाजा की जनता को बड़े स्तर पर मानवीय सहायता मिलनी चाहिए. मैक्रों ने कहा,
इजरायल ने जताई नाराजगीफिलिस्तीन राज्य की स्थापना होनी चाहिए. उसके अस्तित्व की गारंटी होनी चाहिए. फ्रांसीसी लोग मिडिल-ईस्ट में शांति चाहते हैं.
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्रांस के फैसले को खारिज कर दिया. उन्होंने इस फैसले को खतरनाक और गुमराह करने वाला बताया. नेतन्याहू ने कहा,
7 अक्टूबर के नरसंहार के बाद फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देना आतंक को पुरस्कृत करने जैसा है.
नेतन्याहू ने चेतावनी देते हुए कहा कि फिलिस्तीनी इजराइल के साथ शांति नहीं चाहते. वे उसका विनाश चाहते हैं.
फिलिस्तीनी नेताओं ने की सराहनाफिलिस्तीन ऑथिरिटी ने मैक्रों की घोषणा का स्वागत किया. यरुशलम में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास को एक औपचारिक पत्र सौंपा गया. फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन के उपाध्यक्ष हुसैन अल शेख ने आभार व्यक्त करते हुए कहा,
हम मैक्रों के प्रति अपना आभार और प्रशंसा व्यक्त करते हैं. यह रुख अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति फ्रांस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
हमास ने इस कदम का स्वागत किया. उसने कहा, ‘ये हमारे उत्पीड़ित फिलिस्तीनी लोगों के लिए न्याय पाने और उनके आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करने और उनके कब्जे वाले क्षेत्रों पर एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना की दिशा में सकारात्मक कदम है.’
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140 से ज्यादा देश दे चुके मान्यताफ्रांस, फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली यूरोपीय देश है. रिपोर्ट के मुताबिक, 140 से ज्यादा देश फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देते हैं. जिनमें यूरोप के एक दर्जन से ज्यादा देश शामिल हैं.
बताते चलें कि फ्रांस में यूरोप की सबसे बड़ी यहूदी आबादी और पश्चिमी यूरोप की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है. जब कभी मिडिल-ईस्ट में तनाव या लड़ाई होती है तो इसका असर फ्रांस की जनता पर भी पड़ता है. जो अक्सर विरोध-प्रदर्शन या तनाव के तौर पर सामने आता है.
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