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गिरने से बाज नहीं आ रहे बिहार के पुल, एक दिन में चार लुढ़क गए, वीडियो वायरल

बिहार में एक ही दिन में चार पुल गिर गए. सारण और सीवान में दो-दो पुल गिरने की घटनाएं सामने आईं. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक की है.

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बिहार में बारिश के चलते एक ही दिन में चार पुल गिरने का मामला सामने आया है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

बिहार में पुल गिरने का सिलसिला जारी है (Bihar Bridge Collapse). बुधवार 3 जुलाई को तो हद ही हो गई. बारिश और बरसाती मौसम के बीच इस दिन बिहार में चार पुल गिर गए. सारण जिले में गण्डकी नदी पर बने दो पुल गिर गए. वहीं सीवान के महाराजगंज में भी दो पुल अपनेआप ध्वस्त हो गए. इसके पहले भी इसी इलाके में एक पुल गिरा था. गनीमत यही है कि पुल गिरने की घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पुल गिरने की पहली घटना सारण जिले के जनता बाजार इलाके की है. यहां गण्डकी नदी पर एक किलोमीटर के गैप में दो पुल बने हैं. इनमें से एक पुल बुधवार सुबह 10 बजे गिर गया. इस पुल का निर्माण 2004 में किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक गण्डकी नदी के किनारे की सफाई की गई थी. बताया गया कि सफाई के बाद पुल कमजोर हो गया था. जब नदी में पानी आया तो पुल भरभरा कर गिर गया.

दूसरा पुल करीब एक किलोमीटर की दूरी पर बना था. वो गिरा 12 बजे के आसपास. इसके गिरने का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां अंग्रेजों के समय का एक पुल आज भी बरकरार है. लेकिन साल 2004 में विधायक निधि से बनाया गया पुल इस साल बारिश के पानी के साथ बह गया. इसके बाद प्रशासन ने एहतियातन पुराने पुल पर से भी आवागमन बंद कर दिया है. इस ब्रिज की उम्र 100 वर्ष से भी ज्यादा बताई जा रही है.

पुल गिरने की घटना के बाद जिलाधिकारी सारण अमन समीर ने कहा, “पुलिया गिरने की सूचना है. इस पुल के गिरने के कारणों की जांच करने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी सदर और फ्लड डिपार्टमेंट के इंजीनियर के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम बनाकर 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है."

इस रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश शासन को आगे रिपोर्ट भेजी जाएगी.

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सीवान में भी दो पुल गिरे

उधर सीवान में भी दो पुल गिरने की घटनाएं सामने आई हैं. यहां महाराजगंज इलाके में गण्डकी नदी पर बने दो पुल कथित तौर पर भारी बारिश के चलते गिर गए. इससे पूरे इलाके का आवागमन बाधित हो गया. इन दो पुलों में से एक का निर्माण 1998 में सांसद निधि से 6 लाख रुपये में कराया गया था. दूसरे पुल का निर्माण 2004 में 10 लाख रुपये की लागत से किया गया था. आरोप है कि तब से इस पुल का एक बार भी मेंटेनेंस नहीं किया गया. सीवान में पुल गिरने की ये तीसरी घटना है. करीब 10 दिन पहले भी महाराजगंज में पुल गिरा था.

इस पर सियासत भी हो रही है. RJD विधायक तेजस्वी यादव ने चारों पुलों के गिरने के वीडियो शेयर कर नीतीश सरकार, बीजेपी और एनडीए पर निशाना साधा है.

पुल को लेकर सीएम ने की समीक्षा बैठक

एक के बाद एक पुल गिरने से बिहार की नीतीश कुमार सरकार की मिट्टी पलीद हुई है. इसे लेकर सीएम नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक की है. इसके बाद जारी की गई प्रेस रिलीज में बताया गया कि कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि साल 2005 से बिहार के सभी क्षेत्रों में लगातार विकास के कार्य किए जा रहे हैं. लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए बड़ी संख्या में पथों और पुलों का निर्माण कराया गया है. 

रिपोर्ट के मुताबिक मीटिंग में सीएम ने कहा, “हम लोगों का उद्देश्य सिर्फ बेहतर सड़क और पुलों का निर्माण करना नहीं है, बल्कि उसका बेहतर रखरखाव करना भी है. हम लोगों ने निर्णय लिया था कि पुलों के रखरखाव के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई जाए. पथ निर्माण विभाग ने पुलों की मेंटेनेंस पॉलिसी बना ली है.”

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग को भी पथ निर्माण विभाग के मेंटेनेंस पॉलिसी के अनुरूप जल्दी मेंटेनेंस पॉलिसी तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग पुलों के रखरखाव के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार कर सभी पुलों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित कराए. प्रेस रिलीज में लिखा है कि पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग पथों एवं पुलों के रखरखाव को लेकर सतर्क रहें. और लगातार निगरानी करते रहें. कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता बरतने पर जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए.

वीडियो: बिहार में मानसून आने के साथ ही एक और पुल गिर गया, इस बार मधुबनी में