The Lallantop

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पीछे पड़े ट्रंप, अब टैक्स छूट वापस ली, बोले- 'ये इसी लायक है'

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की फंडिंग रोकने के बाद अब ट्रंप सरकार ने टैक्स छूट का दर्जा भी खत्म कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट करके इसकी जानकारी दी है.

post-main-image
डॉनल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टैक्स फ्री का दर्जा खत्म कर दिया है (India Today)

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शुक्रवार, 2 अप्रैल को एलान किया कि उनकी सरकार हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) का टैक्स-छूट (Tax-Exempt Status) का दर्जा खत्म करने जा रही है. ट्रंप और देश की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी के बीच ये टकराव उस समय और गहरा हो गया जब हार्वर्ड ने सरकार की ओर से किए गए बड़े बदलावों की मांग को खारिज कर दिया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 

हम हार्वर्ड की टैक्स छूट खत्म करने जा रहे हैं. ये इसी के लायक हैं.

donald trump
डॉनल्ड ट्रंप का सोशल मीडिया पोस्ट (truth)

यह एलान ऐसे समय में आया है जब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पहले ही ट्रंप प्रशासन की ओर से लगाए गए 2.2 अरब डॉलर के फंड रोक के फैसले से जूझ रही है. सरकार ने यूनिवर्सिटी से व्यापक सुधारों की मांग की थी, जिनमें कैंपस में एक्टिविज़्म पर रोक, एडमिशन पॉलिसी में बदलाव और कुछ स्टूडेंट क्लब्स को मान्यता न देना शामिल था. हार्वर्ड ने इन मांगों को खारिज कर दिया था. विश्वविद्यालय ने कहा कि वह सरकार के दबाव में नहीं आएगा.

यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट एलन गार्बर ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि 

हम अपनी स्वतंत्रता नहीं छोड़ेंगे और न ही अपने संवैधानिक अधिकारों से पीछे हटेंगे. 

इस बयान के कुछ ही घंटों बाद ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के लिए 2.2 अरब डॉलर के ग्रांट और 60 मिलियन डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट्स पर रोक लगा दी. यह कदम इस टकराव में पहली बड़ी कार्रवाई थी. ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी टैक्स-छूट के अपने दर्जे का गलत फायदा उठा रही है. उन्होंने कहा था, 

'मुझे लगता है हार्वर्ड एक कलंक (Disgrace) है.'

29 अप्रैल को अमेरिकी सरकार ने एलान किया कि वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड लॉ रिव्यू के खिलाफ जांच शुरू कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि उन्हें यहां नस्लीय भेदभाव की कई शिकायतें मिली हैं. हार्वर्ड उन यूनिवर्सिटियों में शामिल है जहां गाजा युद्ध के दौरान फिलीस्तीन समर्थक (Pro- Palestine) प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद से रिपब्लिकन नेताओं ने इन संस्थानों पर जांच और दबाव बढ़ा दिया है. कई Ivy League यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट्स को यहूदी-विरोधी (Anti-Semitism) आरोपों को लेकर कांग्रेस के सामने पेश होना पड़ा.

कैम्ब्रिज मैसाचुसेट्स स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अब पांचवी ऐसी Ivy League यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसे ट्रंप प्रशासन के दबाव का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया, ब्राउन और प्रिंसटन के लिए भी सरकार ने फंडिंग रोक दी थी.

वीडियो: क्या एक बार फिर भारतीय लेखिका को मिलेगा International Booker Prize?